
honer those people who work according to constitution
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज राजभवन में आयोजित उत्तर प्रदेश सैनिक पुनर्वास निधि की प्रबन्ध समिति की 44वीं बैठक की अध्यक्षता की। राज्यपाल ने बैठक में सुझाव दिया कि निधि की अटारी प्रक्षेत्र की 1,500 एकड़ से अधिक ऊसर भूमि में खेती सफल नहीं होती है तो इस भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र अथवा अन्य लाभकारी परियोजना स्थापित की जा सकती हैं। राज्यपाल ने कहा कि वे आगामी माह में अटारी प्रक्षेत्र का निरीक्षण करेंगे जिसमें कृषि मंत्री तथा अधिकारियों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि अटारी प्रक्षेत्र की भूमि पर सरकार और सेना कुछ नया करने का विचार करें।
बैठक में बताया गया कि कारपोरेट सोशल रिस्पांस्बिलिटी के तहत निधि को राज्य सरकार द्वारा रूपये 10 करोड़, नार्दन कोल फील्डस लिमिटेड द्वारा रूपये 20 लाख तथा एन0एच0पी0सी0 से रूपये 5 लाख प्राप्त हुए है। टाटा ट्रस्ट द्वारा भी सैनिकों के बच्चों की छात्रवृत्ति हेतु सैनिक पुनर्वास निधि को तीन वर्ष में रूपये 75 लाख प्रदान किया जाना प्रस्तावित है। बैठक में राज्य सरकार सहित फण्ड उपलब्ध कराने वाली अन्य संस्थाओं के लिए धन्यवाद प्रस्ताव भी पारित किया गया।
बैठक में निधि द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में निर्मित दुकानों के आवंटन एवं किराये के निर्धारण के संबंध में प्रमुख सचिव समाज कल्याण विभाग की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने पर विचार किया गया। बैठक में 2 मार्च, 2017 को सम्पन्न हुई प्रबंध समिति की 43वीं बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि की गई तथा वर्ष 2016-17 के आय-व्यय पर भी विचार किया गया। सैनिक पुनर्वास निधि कार्पस फण्ड पर प्राप्त ब्याज की आय से और अधिक लोगों की सहायता करने पर सभी सदस्यों ने सहमति जतायी।
बैठक में सेना के वरिष्ठ अधिकारीगण, प्रमुख सचिव श्री राज्यपाल सुश्री जूथिका पाटणकर, प्रमुख सचिव कृषि श्री अमित मोहन, श्री संजीव मित्तल प्रमुख सचिव वित्त विभाग उत्तर प्रदेश शासन, श्री एस0एस0 उपाध्याय विधि परामर्शी श्री राज्यपाल, ब्रिगे0 अमूल्य मोहन सचिव उत्तर प्रदेश सैनिक पुनर्वास निधि एवं निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास सहित अन्य पदाधिकारीगण भी उपस्थित थे।
Published on:
05 Mar 2018 10:11 pm
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