– ‘ओ’ ग्रुप वालों का टूटा भ्रम, खतरा सबको बराबर- जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ब्लड ट्रांसफ्युजन विभाग का खुलासा
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ब्लड ट्रांसफ्युजन विभाग ने 1,559 कोरोना संक्रमित मरीजों पर शोध किया था
पत्रिका न्यूज नेटवर्क कानपुर. ‘ओ’ ब्लड ग्रुप वाले किसी मुगालते में न रहें। दूसरों की तरह आप भी कोरोना की जद में आ सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि सख्ती से कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करें, जब भी घर निकलें मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) के ब्लड ट्रांसफ्युजन विभाग के शोध में पता चला है कि कोरोना का खतरा सबके लिए बराबर है। आपका ब्लड ग्रुप कौन सा है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। कोरोना किसी को भी हो सकता है। अभी तक कहा जा रहा था कि ‘ओ’ ब्लड ग्रुप वालों को कोरोना कम होता है और ‘बी’ ग्रुप वालों को ज्यादा, शोध के बाद यह एक भ्रांति साबित हुआ है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ब्लड ट्रांसफ्युजन विभाग ने 1,559 कोरोना संक्रमित मरीजों पर शोध किया था। अब जांच में सामने आया है कि सभी ब्लड ग्रुप वाले लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं। कुल संक्रमितों में 36 फीसदी मरीज ‘बी’ ग्रुप वाले और 30 फीसदी रोगी ‘ओ’ ब्लड ग्रुप वाले हैं। इसके अलावा ‘ए’ ब्लड ग्रुप और ‘एबी’ ग्रुप वाले लोग भी कोरोना संक्रमित पाए गये हैं। सबसे अधिक पॉजिटिव मरीज ‘बी’ ब्लड ग्रुप वाले हैं। शोध रिपोर्ट इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च को भेजी जा रही है।
ब्लड ट्रांसफ्युजन विभाग विभाग की नोडल अधिकारी व हैलट ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. लुबना खान ने बताया कि शोध से स्पष्ट हो गया है कि कोरोना संक्रमण में ब्लड ग्रुप का कोई चक्कर नहीं है।