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हाथरस गैंगरेप केस: सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार की याचिका को किया खारिज, CJI बोले- ये जघन्य अपराध

CJI डीवाई ने यूपी सरकार की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले के विशेष तथ्यों और परिस्थितियों में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं है। राज्य को ऐसी अपील नहीं करनी चाहिए।

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लखनऊ

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Anand Shukla

Mar 27, 2023

Supreme Court dismisses UP government petition

सुप्रीम कोर्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

हाथरस गैंगरेप केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि हाथरस में जो कुछ हुआ, ये अपराध एक बहुत जघन्य और परेशान करने वाला है। वह मामले के विशेष तथ्यों और परिस्थितियों में हस्तक्षेप करने का इच्छुक नहीं है। ये परिवार को दी जाने वाली सुविधाएं हैं। हमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। राज्य को ऐसे मामलों में नहीं आना चाहिए।

यूपी सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने सराकर को निर्देश दिया था कि पीड़िता परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए और उनके रहने की व्यवस्था दूसरे जगह की जाए। इसी फैसले के खिलाफ यूपी सरकार 26 जुलाई, 2022 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

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हमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए: सीजेआई

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा, "राज्य को ऐसे मामलों में नहीं आना चाहिए। वह मामले के विशेष तथ्यों और परिस्थितियों में हस्तक्षेप करने का इच्छुक नहीं है। ये परिवार को दी जाने वाली सुविधाएं हैं। हमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। राज्य को इन मामलों में नहीं आना चाहिए।"

वहीं यूपी सरकार की तरफ से पेश हुई एडिशनल जनरल वकील गरिमा प्रसाद ने कोर्ट से कहा कि राज्य सरकार परिवार को स्थानांतरित करने के लिए तैयार है, लेकिन वे नोएडा, गाजियाबाद या दिल्ली चाहते हैं। एएजी ने कहा कि क्या बड़े विवाहित भाई को पीड़िता का "आश्रित" माना जा सकता है, ये कानून का सवाल है।

क्या आदेश दिया था हाईकोर्ट?

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखा कि गांव में अधिकांश आबादी उच्च जातियों की है। इसके साथ ही ये कहा गया है कि परिवार हमेशा अन्य ग्रामीणों द्वारा टारगेट होता है। सीआरपीएफ की सुरक्षा में होने के बाद भी जब परिवार के सदस्य बाहर जाते हैं, तो उन्हें गांव में गाली-गलौज और आपत्तिजनक टिप्पणियों का शिकार होना पड़ता है।

कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि वह हाथरस सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिवार के सदस्यों में से एक को सरकार या सरकारी उपक्रम के तहत उसकी योग्यता के अनुरूप रोजगार देने पर विचार करे।

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