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दिल के मरीजों के लिए खतरनाक है कोरोना, इस वायरस से उबरने वाले 80 फीसदी लोगों को दिल से जुड़ी दिक्कत

कोरोना वायरस (Corona Virus) ने वैसे ही पूरे देश में आतंक मचा रखा है। लेकिन इस साल दिल की बीमारी से ग्रसित लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

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दिल के मरीजों के लिए खतरनाक है कोरोना, इस वायरस से उबरने वाले 80 फीसदी लोगों में दिल से जुड़ी दिक्कत

दिल के मरीजों के लिए खतरनाक है कोरोना, इस वायरस से उबरने वाले 80 फीसदी लोगों में दिल से जुड़ी दिक्कत

लखनऊ. आज वर्ल्ड हार्ट डे (Heart Day) है। कोरोना वायरस (Corona Virus) ने वैसे ही पूरे देश में आतंक मचा रखा है। लेकिन इस साल दिल की बीमारी से ग्रसित लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल की रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से उबरने वाले 80 फीसदी लोगों में दिल से जुड़ी दिक्कतें देखी गई हैं। कोरोना वायरस वैसे ही एक जानलेवा बीमारी है और दिल की बीमारी जैसे गंभीर रोगों से जूझ रहे लोग इसकी चपेट में आ जाएं, तो डैमेज का खतरा दोगुना हो जाता है। केजीएमयू से डॉ. वीएस नारायण बताते हैं कि करीब 2.6 प्रतिशत से छह प्रतिशत कोरोना मरीजों के दिल पर ही वायरस का असर हुआ है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो हाई रिस्क ग्रुप में हैं या जिनका पहले से ऑपरेशन हो रखा है। इसके अलावा अन्य बीमारी जैसे कैंसर, डासबिटीज से जूझने वाले लोगों में भी कोरोना का असर देखा गया है।

कोरोना से हार्ट पेशंट को कितना खतरा

कोरोना, हार्ट की मांसपेशियों में सूजन बढ़ा देता है, जिससे हार्ट को पंपिंग करने और ब्लड सप्लाई में दिक्कत होती है। इस कारण सीने में तेज दर्द हो जाता है। कभी-कभी धड़कनों की गति भी प्रभावित होती है।

डॉ. शीतल पांडे कहती हैं कोविड-19 आने के बाद शुरुआती महीनों में कोरोना का दिल पर असर ज्यादा हो रहा था। ऐसा इसलिए भी था, क्योंकि डॉक्टर्स को कोरोना के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था। इसलिए शुरू में ऐसी दवाएं भी दीं, जिनका दिल पर गहरा असर पड़ता है। इसमें हाइड्रोक्सीक्लोरीक्वीन भी ही है। लेकिन, अब ऐसा नहीं है। कोरोना पर शोध के बाद डॉक्टरों ने कोरोना मरीजों को नई दवाएं देना शुरू की हैं, जो पहले से ज्यादा कारगर हैं। इनमें रेमडेसिविर और डेक्सामेथासोन भी है। अब नए ट्रीटमेंट में दिल के मरीजों को ज्यादा दिक्कत नहीं है।

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मास्क को सुरक्षा कवच की तरह करें इस्तेमाल

डॉक्टर के मुताबिक किसी गंभीर बीमारी से पहले से जूझने वाले लोगों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। वैसे तो इस समय घर से बाहर कम से कम निकलना चाहिए और जब किसी वजह से निकलना पड़ रहा है, तो मासक् जरूर पहनें। आपका बचाव आपके ही हाथ में है। जिन्हें सांस लेने में तकलीफ है उन्हें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि मास्क लगाए बिना घर से न निकलें।

हाई रिस्क वाले एन-95 मास्क का करें उपयोग

डॉ. पांडे ने बताया कि हाई रिस्क वाले लोगों के लिए एन-95 मास्क का उपयोग ठीक रहेगा। कपड़े और मेडिकल मास्क सामान्य लोगों के लिए कुछ हद तक तो ठीक हैं, लेकिन अगर आप हाई रिस्क ग्रुप में हैं तो बाहर निकलने के दौरान थ्री लेयर मास्क या एन-95 मास्क (N-95) जरूर पहनें। इसके अलावा सामान्य लोगों के साथ भी हार्ट पेशंट अपना अतिरिक्त ध्यान रखें। लॉकडाउन के नियमों का पालन करें।

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