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प्राइवेट और सरकारी…12वीं तक सबकी स्कूल फीस होगी माफ!

सरकार से जवाब.... - 12वीं तक सबकी फीस माफ होगी - रास्ते में कैसे मर गया पैदल यात्री

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लखनऊ

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Nitin Srivastva

May 28, 2020

प्राइवेट और सरकारी...12वीं तक सबकी स्कूल फीस होगी माफ!

प्राइवेट और सरकारी...12वीं तक सबकी स्कूल फीस होगी माफ!

लखनऊ. कोरोना के चलते लागू लॉकडाउन में लुधियाना से पैदल घर लौट रहे युवक की सहारनपुर में मौत के मामले को राष्ट्रीय मानवाधिक आयोग (एनएचआरसी) ने बेहद गंभीरता से लिया और मुख्य सचिव को नोटिस देकर चार हफ्तों के अंदर घटना की डीटेल रिपोर्ट मांगी है। एनएचआरसी ने दूसरे राज्यों में फंसे यूपी के कामगारों को इनके घरों तक वापस लाने के सरकार के इंतजामों का भी ब्योरा भी मांगा। वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लॉकडाउन के समय तक बारहवीं तक के विद्यार्थियों की पूरी फीस माफ किये जाने के आग्रह वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार के साथ ही दूसरे पक्षकारों अफसरों से जवाब-तलब किया।

12वीं तक सबकी फीस होगी माफ

हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन के समय तक बारहवीं तक के विद्यार्थियों की पूरी फीस माफ किये जाने के आग्रह वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार समेत अन्य पक्षकार अफसरों से जवाब-तलब किया है। कोर्ट ने इस मामले को समान मुद्दे पर दायर की गई एक अन्य याचिका के साथ जोड़कर एक साथ सुनवाई के लिए 18 जून को पेश करने के निर्देश दिये हैं। जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने बुधवार को चैंबर में यह आदेश स्थानीय अधिवक्ता शिशिर चतुर्वेदी की जनहित याचिका पर वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के बाद दिया।

आमदनी हो गई खत्म

इस मामले में याची का कहना था कि लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर अभिभावकों की आमदनी या तो खत्म हो गई है या फिर काफी कम हो गई है। ऐसे में उन्हें अपनी दैनिक जरूरतों को ही पूरा कर पाना भारी पड़ रहा है। ऐसे में प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के इंटरमीडिएट तक के सभी विद्यार्थियों की फीस माफ की जानी चाहिये। यह व्यवस्था करने के निर्देश राज्य सरकार को देने की गुजारिश याचिका में की गई है। वहीं सरकारी वकील एचपी श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि फीस के मुद्दे पर एक अन्य याचिका पर सुनवाई 18 जून को नियत है। इसपर अदालत ने मौजूदा जनहित याचिका को अन्य याचिका के साथ जोड़कर एक साथ सुनवाई के लिए 18 जून को पेश किये जाने के निर्देश दिये।

रास्ते में कैसे मर गया पैदल यात्री

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन में लुधियाना से अपने घर हरदोई के लिए छह दिन तक भूखे चलने के बाद एक प्रवासी श्रमिक विपिन की मौत होने के मामले में चार हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मागी है। आयोग ने मुख्य सचिव को भेजे नोटिस में इस मामले के साथ-साथ प्रवासी मजदूरों के लिए किये जा रहे सरकार के प्रयासों की भी रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा है कि मीडिया रिपोर्ट में सामने आ रहा है कि प्रवासी मजदूरों को लेकर सरकार की घोषणाओं पर वास्तविक रूप से पूरा काम नहीं हो पा रहा है। आयोग ने इसे लेकर भी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। आयोग ने 19 साल के विपिन की भूख से मौत होने को मानवाधिकारों का गंभीर हनन बताया है। दरअसल विपिन 12 मई को लुधियाना से हरदोई जाने के लिए पैदल ही निकला था। नोटिस के अनुसार विपिन ने 12 मई को अपने घर में सूचना दी थी कि वह वापस आ रहा है। विपिन लुधियाना में एक दुकान में काम करता था। पर भूखे रहकर 350 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद सहारनपुर पहुंच कर वह सड़क पर गिरकर बेहोश हो गया था। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहा उसकी मौत हो गई।

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