12 December 2025,

Friday

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हाथरस जैसे केस में शवों के अन्तिम संस्कार की प्रक्रिया के दिशा-निर्देश बनाए सरकारः हाईकोर्ट

हाथरस कांड में पीड़िता के शव का रात में अन्तिम संस्कार करने जैसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सम्बंधित अफसरों की कार्य प्रणाली पर सख्त रुख अख्तियर करते हुए कहा कि इसके लिए यूपी सरकार प्रक्रिया संबंधी दिशा निर्देश बनाए।

less than 1 minute read
Google source verification

लखनऊ

image

Abhishek Gupta

Oct 14, 2020

Court sentenced the robbery accused to seven years

Court sentenced the robbery accused to seven years

लखनऊ. हाथरस कांड (Hathras Case) में पीड़िता के शव का रात में अन्तिम संस्कार करने जैसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ (Lucknow Highcourt) ने सम्बंधित अफसरों की कार्य प्रणाली पर सख्त रुख अख्तियर करते हुए कहा कि इसके लिए यूपी सरकार प्रक्रिया संबंधी दिशा निर्देश बनाए। कोर्ट ने कहा कि सरकार को हाथरस मामले की तरह की परिस्थितियों में शवों के दाह संस्कार के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने होंगे। इसपर कोर्ट में मौजूद प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने अदालत को आश्वस्त किया कि वह मामले में नियुक्त न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप नारायण माथुर से चर्चा कर प्रक्रिया संबंधी दिशा निर्देश तैयार करेंगें और इनकी जानकारी कोर्ट को दी जायेगी।

न्याय मित्र माथुर के मुताबिक हाथरस कांड को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में पक्ष रखा कि कानून व्यवस्था के मद्देनजर जिला प्रशासन ने रात्रि में मृतका का अंतिम संस्कार कराया। इस मामले में राज्य सरकार की नीयत साफ थी और दुर्भावनापूर्ण ढंग से कोई निर्णय नहीं लिया गया। साथ ही कहा कि सरकार इस केस को प्रतिकूल मुकदमेबाजी के रूप में नहीं ले रही है। माथुर ने बताया कि उन्होंने हाथरस कांड को लेकर प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में छपी खबरों के वांछित स्रोत संबंधी उप्लब्ध कराई गई सामग्री को कोर्ट के समक्ष पेश कर दिया है।

1 अक्तूबर के आदेश में कोर्ट ने इसी सामग्री को लेकर पेश किये जाने के निर्देश दिए थे। उधर, पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने बताया कि कोर्ट से आग्रह किया था कि इस मामले के विचारण (ट्रायल) को उत्तर प्रदेश के बाहर दिल्ली या मुंबई में ट्रांसफर किया जाए। जांच होने तक सीबीआई सभी तथ्य गोपनीय रखे और परिवार को समुचित सुरक्षा मिले।


बड़ी खबरें

View All

लखनऊ

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग