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बीटेक छात्र की मौत के मामले में विभागाध्यक्ष और डीजी निलंबित

एसडीएम सरोजनीनगर ने चार दिन का मांगा समय, छात्रों ने मृतक के परिवार को 20 लाख का मुआवजा दिए जाने की मांग

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Prashant Srivastava

Mar 09, 2016

saroj

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लखनऊ.
राजधानी के गोसाईगंज थाना क्षेत्र में सरोज इंस्टीट्यूट के बीटेक छात्र आरिफ की मौत के मामले में बुधवार को दूसरे दिन भी छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा। सैकड़ों की संख्या में छात्र सुबह से ही लखनऊ सुल्तानपुर हाईवे जाम कर कर हंगामा करने लगे। उनकी मांग थी कि इंस्टीट्यूट के विभागाध्यक्ष नीरज मिश्रा और डीजी एमए खान को निलंबित किया जाए। साथ ही आजीवन भर के लिए उन्हें बर्खास्त कर दिया जाए। आरोप था कि जब भी छात्रों को कोई दिक्कत होती है तो विभागाध्यक्ष और डीजी का फोन नहीं उठता। इसके अलावा मृतक के परिवार को 20 लाख रुपए का मुआवजा और कॉलेज में जमा पूरी फीस वापस किए जाने की मांग को भी लेकर अड़े रहे। हंगामे की सूचना पर भारी पुलिस बल के साथ ही एसडीएम सरोजनीनगर पहुंचे। जिन्होंने 13 तारीख तक का समय मांगा ताकि जांच कराकर कार्रवाई की जा सके। हालांकि छात्रों के भारी विरोध के चलते कॉलेज प्रशासन को विभागाध्यक्ष नीरज मिश्रा और डीजी एमए खान को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया है।


गौरतलब हो कि मूलरूप से जनपद कन्नौज के थाना तिर्वा, ग्राम तिर्वा का रहने वाला आरिफ 20 वर्ष गोसाईगंज स्थित सरोज इंस्टीट्यूट से बीटेक की पढ़ाई कर रहा था। और यही पर हॉस्टल में रहता भी था। बताया जाता है कि तीन दिनों की छुट्टी होने के चलते आरिफ अपने घर गया था। सोमवार को वह घर से वापस लौटा। वह चारबाग पहुंच कर सुल्तानपुर की ओर जाने वाली आजमग$ग डिपो की बस पर सवार हुआ था। बताया जाता है कि बस कंडक्टर ने किसी बात पर झगड़ा होने पर आरिफ को गोसाईगंज क्षेत्र में स्थित सरोज इंस्टीट्यूट के बाहर उसे चलती बस से धक्का देकर बाहर फेंक दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।


रात करीब दो बजे कॉलेज के अन्य छात्रों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने कॉलेज प्रशासन को फोन किया लेकिन न एंबुलेंस आई, न कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई मदद। लिहाजा छात्रों ने पुलिस की मदद से घायल आरिफ को सिविल अस्पताल पहुंचा। लेकिन वहां पहुंचने पर देर हो गई और आरिफ की मौत हो गई। इसके बाद छात्रों ने मंगलवार को कॉलेज के बाद लखनऊ-सुल्तानपुर हाईवे जाम कर दिया। इतना ही नहीं कॉलेज पर पथराव करने के अलावा राहगीरों के वाहनों को भी क्षतिग्रस्त किया था। करीब पांच घंटे बाद मजबूरन पुलिस को लाठियां फटकारनी पड़ी थी तब जाकर भीड़ हट सकी। लेकिन बुधवार को एक बार फिर से छात्रों ने हंगामा कर दिया।


फाइन के नाम पर वसूली का आरोप


कॉलेज के छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन फाइन के नाम पर जबरन वसूली करती है। विरोध करने पर छात्रों को कॉलेज से निकाल दिए जाने की धमकी दी जाती है। लिहाजा भविष्य खराब होने के डर से छात्र चुप हो जाते है। छात्रों की मांग थी कि कॉलेज प्रशासन की इस गुंडा गर्दी पर रोक लगाई जाए।

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