
Horticulture department plans to reach the farmers in this way
लखनऊ. प्रदेश के उद्यान मंत्री श्रीराम चैहान ने कहा कि प्रदेश में बागवानी फसलों की उत्पादकता में सुधार, रोेजगार के सृजन, खेती से जुड़े किसानों एवं मूल्य संवर्द्धन में जुड़े उद्यमियों, निर्यात प्रोत्साहन, पोषणीय सुरक्षा उपलब्ध कराने में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का महत्चपूर्ण योगदान है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि उद्यान विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ किसानों को सुलभ हो, इसके लिये व्यापक इंतजाम सुनिश्चित किये जायें।
चैहान आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में उद्यान विभाग की समीक्षा कर रहे थे। प्रमुख सचिव उद्यान, सुधीर गर्ग ने विभागीय योजनाओं का प्रस्तुतिकरण करते हुये उद्यान मंत्री को बताया कि किसानों की आय को दुगुनी करने के उद््देश्य से विभाग द्वारा औद्यानिक विकास हेतु एकीकृृत बागवानी विकास मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय आयुष मिशन, गुणवत्तायुक्त पान उत्पादन को प्रोत्साहन, फल पट्टी विकास एवं मौन पालन प्रोत्साहन की योजनायें संचालित की जा रही हैं।
इसके अतिरिक्त प्रदेश में बागवानी फसलों का क्षेत्रफल 18.15 लाख हेक्टेयर है, जो कुल कृषि फसलों का लगभग 8.21 प्रतिशत है। कृषि के ग्रास वैल्यू आउटपुट में बागवानी फसलों का योगदान लगभग 21 से 26 प्रतिशत है।
गर्ग ने बताया कि आलू उत्पादन में प्रथम एवं सभी प्रकार की सब्जियांे के उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश का द्वितीय उत्पादक राज्य है। देश से आलू के निर्यात में उत्तर प्रदेश का योगदान लगभग 37 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि संरक्षित खेती के माध्यम से 482 लाभार्थी कृषकों द्वारा 149.98 हेक्टैयर क्षेत्रफल में पाली हाउस/शेडनेट हाउस का निर्माण कर संकर खीरा, टमाटर, रंगीन शिमला मिर्च, खरबूजा, तरबूज, जरबेरा, गुलाब आदि उत्पादित कर परम्परागत खेती के मुकाबले 3-4 गुना अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा रहा है।
गर्ग ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-पर ड्राप मोर क्राप के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा 35 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान अनुमन्य किया गया। प्रदेश में ड्रिप/स्प्रिंकलर प्रणाली की स्थापना हेतु लघु एवं सीमान्त कृषकोें को लागत का 90 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों को लागत मूल्य का 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। प्रदेश के किसानों द्वारा इसके अंगीकरण में विशेष रूचि प्रदर्शित करते हुये बागवानी, कृषि एवं गन्ना फसलों में विगत दो वर्षों में 83309 हेक्टेयर में ड्रिप/स्प्रिंकलर प्रणाली का अंगीकरण किया गया।
Published on:
29 Aug 2019 08:55 pm
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