
Drone Nagar Nigam
लखनऊ। अब कोई भवन स्वामी गृहकर जमा करने से बच नहीं सकेगा। न ही गृहकर की चोरी कर सकेगा। कमर्शियल गतिविधियों के बदले रेजिडेंशियल हाउस टैक्स देने वालों की भी नहीं चलेगी। अमृत योजना के तहत राजधानी में जियोलाजिकल इंफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) लागू किया जा रहा है।
पहली बार ड्रोन से होगा सर्वे
पहली बार ड्रोन कैमरे से सर्वे कर निगम सीमा में एक-एक घर की फोटो एकत्र की जाएगी। इसके बाद स्थलीय सर्वे होगा। मौजूदा समय में निगम की सीमा में कई घर छूटे हुए हैं। उन्हें नगर निगम में दर्ज किया जाएगा और उनसे गृहकर वसूली होगी।
सात साल पहले ही हो जाना चाहिए था सर्वे
केन्द्र सरकार की इस योजना को असल में जेएनआरयूएम योजना के अंतर्गत होना था। मतलब 2010 में इस दिशा में काम शुरू हो जाना चाहिए था। लेकिन जेएनआरयूएम के अमृत योजना में तब्दील होने के बाद 2017 में प्रभावी हो सका है। प्रदेश के कई शहरों में ये सर्वे किया जाना है। पहले चरण में कंपनी ने बनारस और लखनऊ का चयन किया है।
यहां से होगी शुरुआत
शुरुआती दौर में पांच वार्डों का चयन किया गया है। जोन एक में रानी लक्ष्मीबाई, जोन दो में यहियागंज, जोन चार में चिनहट, जोन पांच में रामजी लाल नगर, जोन सात में इस्माइलगंज द्वितीय और जोन आठ में राजा बिजली पासी वार्ड को शामिल करने पर विचार हो रहा है।
कैसे होगा सर्वे
सर्वे में सबसे पहले ड्रोन कैमरे से अलग-अलग एंगिल से फोटो ली जाएगी। मकानों को चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद स्थलीय सर्वे होगा। स्थलीय सर्वे में मकान नम्बर, बिजली कनेक्शन का कंज्यूमर नम्बर, आधार नम्बर और मोबाइल नम्बर नोट किया जाएगा। मकान नम्बर और बिजली कनेक्शन का कंज्यूमर आईडी को क्लब करके एक नया नम्बर तैयार किया जाएगा। ये नया नंबर गृहकर जमा करने के लिए यूनिक नम्बर के तौर पर कार्य करेगा। नया नम्बर मिलने के बाद हर घर से उसी नम्बर से गृहकर की वसूली होगी।
सर्वे से इन चीज़ों पर होगा चेक
सर्वे में मकान में पार्किंग की सुविधा, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और सोलर सिस्टम लगे होने पर छूट देने का प्रावधान है। इसके साथ ही एरिया और उपयोग छुपा कर गृह कर में बदलाव करने के कई मामले सामने आये हैं। अब इन सभी मामलों को चेक किया जाएगा।
शौचालय पर भी नज़र
इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय की व्यवस्था को भी देखा जाएगा। जिन घरों में शौचालय की व्यवस्था नहीं होगी, नगर निगम की ओर से वहां शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। सरकार द्वारा शौचालय निर्माण में सब्सिडी देने के बाद कई लोग निगमों या पंचायतों में अप्लाई नहीं कर रहे हैं।
अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव ने बताया कि सर्वे 15 अगस्त के बाद किया जाएगा। डिफॉल्टेरों को चिन्हित किया जा सकेगा साथ ही हमारा डाटा बेस भी अपडेट हो सकेगा। इस सर्वे को 6 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
Published on:
12 Aug 2017 02:46 pm
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