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500 शहरों को पीछे छोड़ टाॅप टेन में आना है लखनऊ को

 सफाई के मामले में दूसरे प्रदेशों से राजधानी काफी पीछे है। जनवरी से स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 के लिए सर्वे शुरू होगा। इस पर पूरे देश से 500 शहरों को इस सर्वेक्षण के लिए चयनित किया गया है। इस बार टॉप टेन में अपनी जगह बनाने के लिए लखनऊ को बेहतर करना होगा।

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Raghvendra Pratap

Dec 15, 2016

smart city lucknow

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लखनऊ. स्वच्छ सर्वेक्षण 2016 में 28वें स्थान पर रहे लखनऊ शहर की एक बार फिर परीक्षा शुरू होने वाली है। सफाई के मामले में दूसरे प्रदेशों से राजधानी काफी पीछे है। जनवरी से स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 के लिए सर्वे शुरू होगा। इस पर पूरे देश से 500 शहरों को इस सर्वेक्षण के लिए चयनित किया गया है। इस बार टॉप टेन में अपनी जगह बनाने के लिए लखनऊ को बेहतर करना होगा।

जनवरी में यूपी के तीन शहर थे टाॅप 20 में
जनवरी 2016 में स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग के लिए सर्वे हुआ था। उस समय लखनऊ शहर देश के अन्य राज्यों से काफी पीछे था। शहर टॉप 20 में भी लखनऊ को जगह नहीं मिली थी। बॉटम 20 में प्रदेश के तीन शहर शामिल थे इसमें इलाहाबाद 22वें और लखनऊ 28वें स्थान पर था। वहीं 2015 में लखनऊ की रैंकिंग 220वीं थी। तब एक लाख जनसंख्या के आधार पर 476 शहर चुने गए थे।

28वें स्थान पर था लखनऊ
गत वर्ष 10 लाख की जनसंख्या के आधार पर चुने गए 73 शहरों में लखनऊ 28वें स्थान पर रहा। सर्वेक्षण 2017 में 500 शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा होगी। सभी शहरों को दो हजार अंकों में से नंबर दिए गए थेे। इसमें 500-500 अंक स्वतंत्र पर्यवेक्षक द्वारा सर्वेक्षण और जनभागीदारी के आधार पर दिए जाने की व्यवस्था थी। अन्य एक हजार अंक सेवा स्तर के आधार पर होंगे।

विकास मंत्रालय की टीम तय करेगी रैंकिंग
सर्वेक्षण कार्य में शहरी विकास मंत्रालय से भेजी गई टीम भी अलग अलग स्थानों का सर्वे कर रैकिंग तय करेगी। इसके लिए शहर भर के अलग अलग क्षेत्रों में सर्वेक्षण किया जाएगा। इसमें सार्वजानिक शौचालय, पार्किंग व्यवस्था, अतिक्रमण जैसी चीजों की यथा स्थिति केंद्र को भेजी जाएगी। इन सब व्यवस्थाओं का आंकलन गत वर्ष भी हुआ था। गत वर्ष इस सर्वेक्षण के आधार पर कुल 500 अंकों में से लखनऊ को 325 अंक मिले थे जिससे लखनऊ 41 स्थान पर रहा था।

डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन में हम फेल
सिटी रैकिंग को लेकर गत वर्ष डोर टू डोर कलेक्शन व शिवरी प्लांट शुरू करने को लेकर सख्त निर्देश दिए गए थे लेकिन एक साल बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं है। हाल यह है कि प्लांट में पूरी क्षमता के साथ कूडे़ का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। वहीं क्षेत्रों में कूड़ा उठान का काम भी शुरू नहीं हो सका है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सिटी रैंकिंग सर्वेक्षण में इसकी स्थिति भी मायने रखेगी। रैकिंग में सबसे अधिक अंक वाणिज्यिक क्षेत्रों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन रहेगा।

स्वच्छ सर्वेक्षण पर कार्यशाला कल
भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के पूरे देश में 500 शहरों को स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 के लिए चयनित किया गया है। इसके लिए जनवरी से कार्य शुरू होगा। अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव ने बताया कि इस संबंध में एक कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को नगर निगम में किया जाएगा। कार्यशाला में भारत सरकार के प्रतिनिधि सर्वेक्षण से संबंधित प्रक्रिया व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेे। दो घंटे की कार्यशाला में महापौर, नगर आयुक्त, समस्त पार्षदों, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, सफाई निरीक्षक एवं स्वच्छ भारत मिशन का कार्य देख रहे प्रशासनिक अधिकारी, तकनीकी अभियंता व सैनीटेशन कर्मचारियों की उपस्थिति होगी।

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