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अंश प्रमाण पत्र से बिचौलियों व भ्रष्टाचारियों पर लगेगी लगाम, किसानों को सीधे मिलेगी भुगतान पर्ची

share certificate for sugarcane farmers उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (CM Yogi Adityanath)ने गन्ना किसानों (sugarcane farmers) को बिचौलियों व भ्रष्टाचार से बचाने के लिए अंश प्रमाण पत्र का वितरण किया है अंश प्रमाण पत्र(share certificate) के वितरण के बाद अब किसान के पास सीधे तौर पर गन्ना बिक्री की पर्ची पहुंच जाएगी। ऐसे में किसानों से सस्ती दर पर गन्ना खरीदने वाले बिचौलियों पर लगाम लगेगी और किसानों को गन्ना की अच्छी कीमत मिल सकेगी।

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लखनऊ

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Prashant Mishra

Jul 11, 2022

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लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज उत्तर प्रदेश में 50.10 लाख गन्ना किसानों को अंश प्रमाण पत्र (शेयर सर्टिफिकेट) उपलब्ध कराएं हैं। अंश प्रमाण पत्र से सीधे तौर पर गन्ना किसानों को फायदा होगा। अंश प्रमाण पत्र मिलने के बाद छोटे किसान जोकि सामान्यता बिचौलिए या स्मगलर का शिकार होते थे उन्हें राहत मिलेगी और वह सीधे तौर पर अपने गन्ने की बेहतर कीमत प्राप्त कर सकेंगे।

सीधे किसान प्राप्त कर सकेंगे पर्ची

जिला कृषि अधिकारी ओपी मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से जो अंश प्रमाण पत्र गन्ना किसानों को उपलब्ध कराया गया है। उससे उत्तर प्रदेश में गन्ना उपजाऊ भूमि पर प्रत्येक किसान की हिस्सेदारी का प्रमाण पत्र निर्धारित किया गया है। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस किसान के पास कितनी भूमि है जिस पर गन्ने की खेती की जा रही है। एक बार गन्ने की खेती की भूमि का निर्धारण होने के बाद सीधे तौर पर किसानों को गन्ने की उपज के संदर्भ में पर्ची उपलब्ध कराई जा सकेगी। जिस पर्ची की मदद से किसान सीधे अपनी फसल का भुगतान प्राप्त कर सकेंगे।

बिचौलिया उठाते थे फायदा

अभी तक छोटे व मझोले किसान अपनी जमीन पर गन्ने की खेती करते थे और बिचौलिए व स्मगलर साठगांठ करके किसान से सस्ती कीमत पर फसल को खरीदते थे और पर्ची प्राप्त कर सरकार को महंगी कीमत पर गन्ना बेचा जाता था। जिससे किसानों को अपने गन्ना की फसल की अच्छी कीमत नहीं मिल पाती थी। इस पर लगाम लगाने के लिए वृहद स्तर पर सर्वे कराकर यह निर्धारित किया गया है कि उत्तर प्रदेश में किस किसान के पास कितनी गन्ना उपजाऊ खेती है और उसी के आधार पर उसका अंश निर्धारित कर अंश प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया है। इस इसी अंश प्रमाणपत्र की मदद से किसानों को फसल का भुगतान होगा।