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Arms License: 10 रुपये में बनता है बंदूक का लाइसेंस, जानें लाइसेंस बनवाने की पूरी प्रक्रिया

लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया का कोई निश्चित समय नहीं है कि आपको इतने दिन में लाइसेंस में मिल जाएगा। बंदूक के लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया ज्यादा कठिन नहीं है, लेकिन इसके लिए आपको करीब 2 दर्जन दस्तावेज सम्मिलित करने होते हैं। आपको लगता है कि आपको बंदूक का लाइसेंस चाहिए तो आपको प्रशासन को बताना होता है कि आखिर आपको इसकी जरूरत क्यों है?

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Revolver License: बंदूक का लाइसेंस लेने का अधिकार हर व्यक्ति को है, लेकिन उन्हें साबित करना होता है कि आखिर उन्हें जरूरत क्यों है। इसके बाद प्रशासन पर निर्भर करता है कि वो आपके दलील को सही मानते हैं या नहीं। अगर प्रशासन को लगता है कि आपको वाकई बंदूक की आवश्यकता है तो आप लाइसेंस बनवा सकते हैं। लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया का कोई निश्चित समय नहीं है कि आपको इतने दिन में लाइसेंस में मिल जाएगा। बंदूक के लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया ज्यादा कठिन नहीं है, लेकिन इसके लिए आपको करीब 2 दर्जन दस्तावेज सम्मिलित करने होते हैं। साथ ही ये लाइसेंस बनवाने के बाद सिर्फ अपनी आत्मरक्षा के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आप किसी को धमका नहीं सकते हैं। आपको लगता है कि आपको बंदूक का लाइसेंस चाहिए तो आपको प्रशासन को बताना होता है कि आखिर आपको इसकी जरूरत क्यों है?

क्या है पूरी प्रक्रिया?

लाइसेंस बनवाने के लिए आपको एप्लीकेशन के साथ आवेदन फॉर्म जमा करना होता है। अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी हो गई है। ऑफलाइन प्रक्रिया में आवदेन अपने क्षेत्र के डीसीपी (लाइसेंसिंग) कार्यालय में जाकर देना होता है और कई शहरों में यह फॉर्म एसडीएम को देना होता है। वहीं, अगर पुलिस कमिश्नरेट का इलाका है, तो कमिश्नर को अर्जी जाएगी। डीएम एप्लीकेशन को जांच के लिए एसपी के ऑफिस में भेज देता है। एसपी ऑफिस से एप्लीकेशन आवेदक के थाने में जाती है। थाना अपनी रिपोर्ट एक नियत समय में लाइसेंस अधिकारी को भेज देगा। इसके बाद आपके आवेदन को मंजूरी मिलती है और कई बार यह खारिज भी कर दी जाती है।

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कितने रुपये लगते हैं?

वैसे तो यह निर्भर करता है कि आपको कौनसी बंदूक का लाइसेंस चाहिए। उसके आधार पर निर्धारित होती है इसकी फीस। लेकिन, ऐसा नहीं है कि इसके लिए आपको लाखों रुपये खर्च होते हैं, इसकी शुरुआत फीस 10 रुपये से शुरू है, जो 300 रुपये तक है। अगर आपको हैंडगन (पिस्टल/ रिवॉल्वर) या रिपटिंग राइफल का लाइसेंस बनवाना है तो इसकी फीस 100 रुपये है।

लाइसेंस मिलने के बाद कोई भी बंदूक रख सकते हैं?

भारत में सिर्फ तीन तरह की बंदूक के लिए ही लाइसेंस जारी किया जाता है, जिसमें शॉर्टगन, हैंडगन और स्पोर्टिंग गन शामिल है। एक व्यक्ति अधिक से अधिक तीन बंदूकों का ही लाइसेंस ले सकता है और बंदूक रखने की सीमा पर पाबंदी होती है। सरकार के नियमों के अनुसार कई ऐसी बंदूकें भी है, जिन्हें आम आदमी को नहीं दिया जाता है।

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लाइसेंस मिलने के बाद क्या होता है?

लाइसेंस मिलने के बाद भी आपको तय प्रक्रिया के आधार पर लाइसेंस खरीदना होता है। वहीं, बंदूक खरीदने के बाद आपको स्थानीय थाने में इसकी जानकारी देनी होती है और हथियार की जानकारी भी पुलिस के पास होती है। वहीं, समय समय पर इसके बारे में जानकारी थाने में देनी होती है।