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कांग्रेस विधायक अदिति सिंह की सदस्यता पर मंडराया खतरा, विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला रखा सुरक्षित

कांग्रेस (Congress) की बागी विधायक अदिति सिंह (Aditi Singh) की विधानसभा (Vidhan Sabha) सदस्यता जल्द रद्द हो सकती है। मंगलवार को उनकी सदस्यता रद्द करने पर विधानसभा के अध्यक्ष ह्रदय नारायण (Hriday Narayan Dikshit) दीक्षित ने फैसला सुरक्षित कर लिया।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Jul 01, 2020

Aditi Singh

Aditi Singh

लखनऊ. कांग्रेस (Congress) की बागी विधायक अदिति सिंह (Aditi Singh) की विधानसभा (Vidhan Sabha) सदस्यता जल्द रद्द हो सकती है। मंगलवार को उनकी सदस्यता रद्द करने पर विधानसभा के अध्यक्ष ह्रदय नारायण (Hriday Narayan Dikshit) दीक्षित ने फैसला सुरक्षित कर लिया। कांग्रेस के खिलाफ अलग-अलग बयानों व पार्टी की विचारधारा से अलग जाने वाली कांग्रेस विधायक की विधानसभा सदस्यता रद्द करने को लेकर कई प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष मामले पर सुनवाई नहीं कर रहे थे। इसके लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनको नोटिस भी जारी किया था। आखिरकार मंगलवार को करीब तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली सुनवाई के बाद स्पीकर ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। वहीं कांग्रेस के अन्य विधायक राकेश सिंह व समाजवादी पार्टी के विधायक नितिन अग्रवाल के मामले को लेकर अगले हफ्ते समीक्षा की जाएगी।

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25 जून को हुई थी पहली सुनवाई-

कांग्रेस की तरफ से सदस्यता रद्द करने संबंधी दायर किए गए वाद की पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील केसी कौशिक ने बताया कि फैसला सुरक्षित रखने के बाद उम्मीद है कि जल्द ही निर्णय का औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा। वहीं, रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह को उनके कानूनी विशेषज्ञों की टीम ने सहायता की। सदस्यता रद्द करने पर कांग्रेस की याचिका पर 25 जून को विधानसभा अध्यक्ष ने पहली सुनवाई की थी। वहीं, दूसरी सुनवाई 30 जून को हुई। उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे का कहना है कि, "उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि कांग्रेस विधायक अदिति सिंह, राकेश सिंह और समाजवादी पार्टी के विधायक नितिन अग्रवाल की अयोग्यता से संबंधित सभी तीन याचिकाओं को 16 जुलाई तक निपटा दिया जाए।

लगातार बगावत कर रही थीं अदिति-

अदिति सिंह और राकेश सिंह दोनो ही रायबरेली से कांग्रेस विधायक हैं। बीते वर्ष से कई ऐसे मौके आए जब दोनों ने पार्टी के खिलाफ बगावत का झंडा उठाया। कई मुद्दों पर पार्टी के रुख के खिलाफ बयानबाजी की है व व्हिप का उल्लंघन भी किया। अदिति सिंह दो अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर चलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में गई थी, जब्कि कांग्रेस ने इसका बहिष्कार किया था। हाल में राजस्थान से यूपी में बसों से लोगों को घरों तक पहुंचाने के मुद्दे पर भी अदिति ने कांग्रेस पर सवाल खड़े कर दिए थे।

पार्टी विरोधी गतिविधियों का लगा राकेश पर आरोप-

वहीं राकेश सिंह पर विधानसभा में कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव 2019 में राकेश सिंह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। उन्होंने लोकसभा चुनाव में रायबरेली से कांग्रेस की प्रत्याशी सोनिया गांधी को हराने की साजिश रची और बीजेपी प्रत्याशी को जिताने में लग गए। गौरतलब है कि बीजेपी प्रत्याशी दिनेश सिंह, राकेश के सगे भाई हैं।