
लखनऊ: आजकल हमारे समाज में तलाक की खबरें आना आम बात हो गई हैं। लेकिन जब शादी के 50 साल बाद कोई तलाक हो तो वह चर्चा का विषय बन ही जाता है। आखिर ऐसा क्यों हुआ? ऐसी ही एक खबर यूपी की राजधानी लखनऊ से निकलकर सामने आई है। यहां शादी के 50 साल बाद एक तलाक हुआ।
राजधानी क्षेत्र के काकोरी के ग्राम कटौली के निवासी गुरुप्रसाद और मलिहाबाद के ग्राम ईशापुर की निवासी रमदेई का विवाह 1975 में हुआ था। इस समय गुरुप्रसाद की उम्र 71 साल है और रामदेई की उम्र 65 साल है। दोनों के बीच 50 साल बाद तलाक एक चौंकाने वाला मामला बन गया।
रमदेई और गुरुप्रसाद की शादी 1975 में हुई थी। शादी के कुछ सालों तक तो सब एकदम ठीक-ठाक चला लेकिन, कुछ समय बाद दोनों में कहासुनी और विवाद होने लगे। विवाद जब ज्यादा बढ़ने लगा तो रमदेई ससुराल छोड़कर मायके आ गईं और अपने भाई के साथ रहने लगी। रमदेई और गुरुप्रसाद 1990 से दोनों अलग रहने लगे।
रमदेई और गुरुप्रसाद शादी के 15 साल तक एकसाथ रहे। लेकिन, दोनों के कोई संतान न हुई। कहीं न कहीं विवाद और सामाजिक दबाव की यह वजह भी हो सकती है।
रमदेई और गुरुप्रसाद दोनों 1990 से अलग रह रहे हैं। कई बार परिवार और समाज ने साथ रहने की पहल की। लेकिन, दोनों एक साथ नहीं आ पाए। दोनों ने अलग ही रहने का मन बना लिया था। दोनों का मामला 2009 में न्यायालय में पहुंचा।
गुरुप्रसाद का कहना था कि उन्होंने कई बार रमदेई को साथ रखने की सहमति दी, लेकिन उनकी तरफ से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। वहीं, रमदेई और उनके भाई का कहना है कि 1990 के बाद से कभी भी गुरुप्रसाद ने उन्हें साथ रखने की बात नहीं की।
रमदेई का कहना है मेरे बुढ़ापे का कोई सहारा नहीं है। मैं अपने भाई के पास के पास रह रही हूं। मेरे पास कोई आर्थिक मदद नहीं आई। शुरू में कुछ दिनों तक गुजारा भत्ता मिला लेकिन, अब नहीं। भला मैं किससे गुहार लगाउं।
रमदेई के भाई बालकराम ने आरोप लगाया कि गुरुप्रसाद ने उनकी बहन को जमीन में बिल्कुल भी हिस्सा नहीं दिया है। गुरुप्रसाद के पास काफी जमीन है लेकिन फिर भी कुछ ही दिन गुजारा भत्ता देकर बंद कर दिया। बालकराम का कहना है कि हम लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं गुजारा भत्ता के लिए दोबारा न्यायालय में गुहार लगाएंगे।
Published on:
06 Sept 2025 02:24 pm
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