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लखनऊ। प्रदेश में बिजली की उपलब्धता बढ़ाने के लिए पांच नई जल विद्युत परियोजनाएं लगायी जाएंगी। शक्ति भवन में जल विद्युत निगम निदेशक मण्डल की हुई बैठक में यह फैसला किया गया। प्रमुख सचिव ऊर्जा व निगम के अध्यक्ष संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सूबे में जल विद्युत की स्थिति पर भी रिपोर्ट पेश की गयी। जल विद्युत निगम के प्रबन्ध निदेशक विशाल चौहान ने बताया कि रिहन्द में वृहद अनुरक्षण एवं वार्षिक अनुरक्षण के बाद 50-50 मेगावाट की दो इकाइयां तथा माताटीला विद्युत गृह की 10.2 मेगावाट की एक इकाई से उत्पादन शुरू हो गया है। इसके चलते जल विद्युत से उजाज़् क्षेत्र की उपलब्धता में 110.2 मेगावाट की वृद्धि हुई है।
इसके साथ ही वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 (प्रथम तिमाही) में लक्ष्य के सापेक्ष अधिक विद्युत उत्पादन हुआ। इसके अतिरिक्त बैठक में जल विद्युत निगम के विकास एवं क्षमता वृद्धि हेतु एक विजन पेपर भी प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि बैठक में लिये गये फैसलों में शामिल अन्य बिन्दुओं के अतिरिक्त अन्तरराज्यीय एवं अन्तरराष्ट्रीय बहुउद्देशीय परियोजनाओं पंचेश्वर बहुउद्ददेश्यीय बांध परियोजना (महाकाली शारदा नदी), करनाली बहुउद्देश्यीय बांध परियोजना (घाघरा नदी), नैमुरे (भालूभंग) बहुउद्देश्यीय बांध परियोजना (राप्ती नदी), पंचनद बहुउद्देश्यीय परियोजना तथा ढुकवा प्रथम व द्वितीय जल विद्युत परियोजनाओं को लाने के लिए काम होगा। प्रमुख सचिव ऊर्जा व निगम के अध्यक्ष अग्रवाल ने इन सभी परियोजनाओं पर शीघ्र कदम उठाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही रिहन्द जल विद्युत परियोजना के रिहन्द बांध की मरम्मत के लिए भी बोर्ड ने प्रस्ताव पारित किया।
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