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अपने पद से हटाए गए दो IAS अधिकारी, 8 आईएएस पर हुई FIR, बहुत बड़ी कार्रवाई

- आईएएस बी चंद्रकला (IAS B Chandrakala) समेत 8 आईएएस पर FIR - सहारनपुर खनन घोटाले (Saharanpur Mining Scam) में दो और आईएएस अधिकारियों पर गिरी गाज - अपने पद से हटाए गए आईएएस अजय कुमार सिंह और आईएएस पवन कुमार - वेटिंग में डाले गए IAS Ajay Kumar Singh और IAS Pawan Kumar

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लखनऊ

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Nitin Srivastva

Oct 03, 2019

अपने पद से हटाए गए दो IAS अधिकारी, 8 आईएएस पर हुई FIR, बहुत बड़ी कार्रवाई

अपने पद से हटाए गए दो IAS अधिकारी, 8 आईएएस पर हुई FIR, बहुत बड़ी कार्रवाई

लखनऊ. सहारनपुर खनन घोटाले (Saharanpur Illegal Mining) की गाज आरोपी आईएएस अफसर पर गिरी है। इस मामले में आईएएस अजय कुमार सिंह (IAS Ajay Kumar Singh) और आईएएस पवन कुमार (IAS Pawan Kumar) को सरकार ने उनके पदों से हटाकर वेटिंग में डाल दिया है। आपको बता दें कि अजय कुमार सिंह खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग (Khadi and Village Industries Department) में सचिव थे। जबकि पवन कुमार सिंह आवास एवं शहरी नियोजन विभाग (Housing and Urban Planning Department) में विशेष सचिव के पद पर तैनात थे।


दोनों आईएएस पर कसा शिकंजा

दरअसल सीबीआई (CBI) के बाद अब ईडी (ED) आईएएस अजय कुमार सिंह और पवन कुमार पर शिकंजा कसेगी। बीते दिनों सीबीआई (Central Bureau Of Investigation) ने 11 जगहों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी। लखनऊ में अजय और पवन दोनों के यहां सीबीआई भी छापेमारी (CBI Raid) हुई थी। सीबीआई (CBI) ने अजय के घर से 15 लाख कैश और पवन के यहां से खनन घोटाले (Khanan Ghotala) से जुड़े अहम दस्तावेज जब्त किए थे।


ईडी भी करेगा पूछताछ

आपको बता दें कि 30 सितंबर को सीबीआई ने आईएएस अजय (IAS Ajay) और आईएएस पवन (IAS Pawan) के खिलाफ खनन घोटाले में एफआईआर (Mining Scam FIR) दर्ज की थी। यह दोनों सहारनपुर में 2012 से 2016 तक बतौर जिलाधिकारी तैनात थे। दोनों आईएएस पर आरोप है कि सहारनपुर के जिलाधिकारी (Saharanpur DM) रहते दोनों ने अवैध रूप से खनन पट्टे जारी किए थे। सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) भी इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पूछताछ करेगा।


आठ आईएएस पर एफआईआर

खनन घोटाले में इन अधिकारियों के अलावा आईएएस बी चंद्रकला (IAS B Chandrakala), अभय कुमार सिंह (Abhay Kumar Singh), विवेक (Vivek), देवी शरण उपाध्याय (Devi Sharan Upadhyay), संतोष कुमार राय (Santosh Kumar Rai) और जीवेश नंदन (Jeevesh Nandan) के खिलाफ भी सीबीआई एफआईआर (CBI FIR) दर्ज कर चुकी है। इन पर फतेहपुर (Fatehpur), हमीरपुर (Hamirpur), देवरिया (Devaria), शामली (Shamli) और कौशांबी (Kaushambi) में नियुक्ति के दौरान हुए खनन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (Money Laundering Act) के तहत केस दर्ज कर रहा है।


सीबीआई जुटा रही सबूत

खनन घोटाले में सीबीआई (CBI Investigation in Mining Scam) करीब दो सालों से बराबर जांच पड़ताल कर रही है। सीबीआई (CBI) ने पहले भी हाईकोर्ट के आदेश पर हमीरपुर (Hamirpur), शामली (Shamli), फतेहपुर Fatehpur, देवरिया Devaria, सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar) और अन्य जिलों में वर्ष 2012 से 2016 के बीच हुए खनन (Mining) में धांधली की शिकायतों पर मार्च 2017 में सात प्रारंभिक जांच (पीई) (Primary Investigation) (PI) दर्ज की थी। आरोप था कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) (National Green Tribunal) (NGT) के प्रतिबंध के बावजूद हमीरपुर (Hamirpur) समेत कई स्थानों पर धड़ल्ले से खनन कराया गया। सीबीआई दिल्ली ने प्रारंभिक जांच (CBI Investigation) के बाद हमीरपुर में हुई धांधली के मामले में आरोपित तत्कालीन डीएम हमीरपुर बी. चंद्रकला (IAS B Chandrakala) अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसके बाद सीबीआइ ने सहारनपुर, फतेहपुर व देवरिया समेत चार जिलों में अवैध खनन के मामलों में अलग-अलग केस दर्ज किये थे।

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