
IAS Akshay Tripathi सूझबूझ से काम किया जाए तो लाभ के साथ बचत भी होती है। इसका जीता जागता उदाहरण लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पेश किया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपने प्रयासों से पिछले तीन माह में 50 कोरड़ की बचत की है। ये तब है जब वर्ष 2015-16 में एफडी के तौर पर की गई बचत का उपयोग हो गया है। एलडीए को विकास कार्यों में तेजी लाने व आर्थिक रुप से मजबूत करने के लिए बचत की आवश्यकता थी। अवश्यकता को समझते हुए एलडीए वीसी ने आर्थिक बचत का प्लान तैयार किया। इस प्लान व प्रयासों का नतीजा रहा कि मात्र तीन माह में एलडीए ने 50 करोड़ की बचत की।
पूंजीगत आय में की वृद्धि, कम किए खर्चे
50 करोड़ की बचत प्राधिकरण के वीसी अक्षय त्रिपाठी के निर्देश पर की गई। वीसी ने निर्देश दिए थे कि राजस्व व्यय में कमी व पूंजीगत आय में वृद्धि की जाए। वीसी के आदेश पर वित्त एवं लेखा अनुभाग द्वारा इस रकम की अलग-अलग दो बैंकों में एफडी कराई गई है। आज सोमवार को इन बैंकों के अधिकारियों ने वीसी से मिलकर एफडी को प्रपत्र दिए हैं।
खत्म हो गईं थीं पुरानी एफडी
लखनऊ विकास प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक दीपक सिंह ने बताया कि वर्ष 2015-16 तक प्राधिकरण द्वारा कराई गई समस्त एफडी का भुगतान प्राप्त किया जा चुका था। इस तरह प्राधिकरण की सभी एफडी समाप्त हो गई थी। जिसके बाद प्राधिकरण के वीसी अक्षय त्रिपाठी द्वारा आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के राजस्व व्यय में कमी और पूंजीगत आय में वृद्धि करने के निर्देश दिये थे। वीसी द्वारा दिये गये इन निर्देशों पर काम करते हुए पिछले तीन महीनों में 50 करोड़ रूपये की बचत की गई है।
वीसी ने कहा जारी रहेगी बचत
वित्त नियंत्रक ने बताया कि इस धनराशि से 25-25 करोड़ रूपये की दो एफडी कराई गई हैं। बैंक के अधिकारियों द्वारा दोनों एफडी के प्रपत्र लखनऊ विकास प्राधिकरण को सौंप दिये गए हैं। इस दौरान वीसी अक्षय त्रिपाठी ने वित्त एवं लेखा अनुभाग के अधिकारियों को यह लक्ष्य दिया है कि प्रत्येक तीन माह में इसी तरह से बचत करते हुए एक कारपस फण्ड बढ़ाया जाए जिसका प्रयोग भविष्य की योजनाओं, अर्जन, शहर के सुनियोजित विकास और जनता को अवस्थापना सुविधा उपलब्ध कराये जाने में इस्तेमाल किया जाएगा।
Updated on:
04 Apr 2022 07:03 pm
Published on:
04 Apr 2022 07:02 pm
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