
मामूली चोट समझ डॉक्टर ने टांके लगाए; सर्जरी के बाद हालत स्थिर (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)
UP News Crime: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गाजीपुर इलाके में मंगलवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। मकान की छत पर खेल रही तीन वर्षीय लक्ष्मी के सिर में अचानक गोली लग गई। गनीमत रही कि गोली टिनशेड को भेदते हुए आई, जिससे उसकी जान बच गई। प्रारंभिक तौर पर परिवार ने इसे मामूली चोट समझकर निजी अस्पताल में इलाज कराया, जहां डॉक्टरों ने सिर पर टांके लगा दिए। हालांकि देर रात जब बच्ची को तेज सिर दर्द होने लगा, परिवार उसे लोहिया अस्पताल ले गया, जहां जांच में पता चला कि सिर में गोली फंस गई है। इसके बाद उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों ने सर्जरी कर गोली निकाली। इस घटना के बाद गाजीपुर पुलिस ने हत्या के प्रयास की धारा में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
घटना गाजीपुर के बस्तौली गांव में हुई। माता-पिता के अनुसार मंगलवार शाम करीब चार बजे लक्ष्मी अपने बड़े भाई सौभाग्य (8) और हिमांश (7) के साथ मकान की छत पर टिनशेड से बने कमरे में खेल रही थी। अचानक जोरदार आवाज सुनाई दी। दोनों बच्चों ने देखा कि लक्ष्मी के सिर से खून बह रहा है। वे डर के मारे नीचे आए और परिवार को बताया। पिता रमेश तुरंत बच्ची को लेकर पास के निजी अस्पताल पहुंचे।
डॉक्टरों ने चोट को मामूली समझकर टांके लगा दिए और छुट्टी दे दी। बाद में देर रात बच्ची को तेज सिरदर्द हुआ और पिता ने तुरंत उसे लोहिया अस्पताल ले जाया। वहां जांच में पता चला कि सिर में गोली फंस गई है। अस्पताल में बेड न होने के कारण बच्ची को ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। बुधवार को डॉक्टरों ने जांच की और बृहस्पतिवार को सर्जरी की। शुक्रवार सुबह बच्ची को होश आया और उसकी हालत स्थिर है।
सर्जरी में डॉक्टरों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। गोली टिनशेड से टकराकर बच्ची के सिर में धंस गई थी और हिलने-डुलने पर उसकी स्थिति बदल रही थी। सर्जरी के दौरान डॉ. अंकुर बजाज और उनकी टीम ने अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे का सहारा लेकर गोली को मस्तिष्क को कम से कम नुकसान पहुंचाते हुए निकालने में सफलता हासिल की।
डॉ. बजाज ने बताया कि बच्ची के माता-पिता 17 दिसंबर को ट्रॉमा सेंटर आए थे और उनके पास पहले से सीटी स्कैन रिपोर्ट मौजूद थी, जिसमें गोली स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए टीम ने तुरंत तैयारी कर सर्जरी शुरू की। रात 10 बजे शुरू हुई सर्जरी लगभग तीन बजे तक चली। सर्जरी के बाद बच्ची को वेंटिलेटर पर रखा गया। शुक्रवार को वेंटिलेटर हटा दिया गया, लेकिन वह अभी भी आईसीयू में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ. एसएन सिंह और डॉ. शालिनी त्रिपाठी की निगरानी में है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए गाजीपुर पुलिस ने तीन टीमें गठित की हैं। जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि घटना के दिन आसपास कितने घरों में आयोजन या हर्ष फायरिंग हुई थी। पड़ोसियों से भी जानकारी ली जा रही है। पुलिस को छत पर पड़े टिनशेड में सुराख मिला है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि गोली कहां से चली और किसने चलाई। आसपास के घरों और सार्वजनिक स्थलों के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। बच्ची के सिर में लगी गोली को फोरेंसिक लैब भेजकर जांच कराई जाएगी।
बच्ची के चाचा विक्की ने बताया कि गोली चलने की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोगों ने भी सुनी। उन्होंने कहा कि यदि निजी अस्पताल के डॉक्टरों को गोली लगी होने का तुरंत पता चलता तो समय पर इलाज किया जा सकता था।
परिवार ने घटना को लेकर गहरी चिंता जताई है। पिता रमेश ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और उन्होंने पुलिस को तुरंत सूचित किया। डॉ. बजाज ने बताया कि गोली लगातार घूम रही थी, जिससे सर्जरी मुश्किल थी। टीम ने मस्तिष्क को न्यूनतम नुकसान पहुंचाते हुए सफलतापूर्वक गोली निकाली। यह बचपन में हुई दुर्घटना के बावजूद बच्ची के जीवन को लेकर बड़ी राहत की खबर है।
इस घटना ने बच्चों की सुरक्षा और खुले स्थानों पर निगरानी की अहमियत को उजागर किया है। एसीपी गाजीपुर ए. विक्रम सिंह ने बताया कि आसपास के घरों में लाइसेंसी हथियार की भी जांच की जाएगी और सुरक्षा मानकों को देखते हुए कार्रवाई की जाएगी। पुलिस और प्रशासन की नजर अब आसपास के घरों और आयोजन स्थलों पर है ताकि पता लगाया जा सके कि गोली कैसे और कहां से चली। यह घटना बच्चों की सुरक्षा और घरों में फायरिंग के नियमों के पालन की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।
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Published on:
20 Dec 2025 10:05 am
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