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यूपी में फैला डेंगू का प्रकोप, आईएएस नवनीत सहगल समेत कई आए बीमारी की चपेट में, अब तक 400 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि

- यूपी में फैला डेंगू का प्रकोप - लखनऊ में आईएएस नवनीत सहगल डेंगू की चपेट में - लखनऊ में 18 लोगों में डेंगू की पुष्टि - अब तक 400 से मरीजों को हुआ डेंगू

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यूपी में फैला डेंगू का प्रकोप, आईएएस नवनीत सहगल समेत कई आए बीमारी की चपेट में, अब तक 400 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि

यूपी में फैला डेंगू का प्रकोप, आईएएस नवनीत सहगल समेत कई आए बीमारी की चपेट में, अब तक 400 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि

लखनऊ. बदलते मौसम का असर स्वास्थ्य पर सबसे पहले पड़ता है। आमतौर पर मानसून सीजन में तेजी से मच्छरजनित बीमारियां पनपने लगती हैं। इसे ध्यान में रखकर शासन ने इसे काबू करने के लिए तीन चरणों में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया गया, साथ ही संक्रामक बीमारी नियंत्रण का भी अभियान चलाया। इस दौरान विभिन्न विभागों को संचारी रोग नियंत्रण अभियान में शामिल कर उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई। इसके बाद भी डेंगू बीमारी को फैलने से रोका नहीं जा सका। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी 2019 से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश में डेंगू (Dengue) के 400 से भी ज्यादा मरीज पाए गए हैं। संचारी रोग नियंत्रण अभियान भी डेंगू पर अंकुश लगा पाने में असमर्थ है। राजधानी लखनऊ में ही आईएएस नवनीत सहगल समेत 18 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। वहीं, नौ वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। इसके अलावा मलिहाबाद के कई गांव में बुखार का प्रकोप फैला है। ललितपुर में भी डेंगू के 30 मरीज मिलने से स्वास्थ्य महिकमे में हड़कंप मच गया है।

गुरुवार रात प्रमुख सचिव नवनीत सहगल की तबियत बिगड़ी। उन्हें केजीएमयू लाया गया। यहां शुक्रवार को जांच कराई तो डेंगू की पुष्टि हुई। वहीं प्लेटलेट्स 10 हजार निकली। ऐसे में शताब्दी स्थित आरआइसीयू में उन्हें भर्ती किया गया। वहीं प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) विधि अपनाई गई। इसमें व्यक्ति के खून से सीधे प्लेटलेट्स निकालकर मरीज को चढ़ाया गया। शाम को हालत में सुधार आया। इसके अलावा केशवनगर निवासी नौ वर्षीय सारिका कनौजिया की डेंगू से मौत हो गई। उसका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था।

ललितपुर में 30 डेंगू के प्रकोप में

लखनऊ की तरह ललितपुर में भी डेंगू का प्रकोप जारी है। यहां सितम्बर तक डेंगू के मरीजों की संख्या दो थी। अक्बूटर तक यह संख्या 30 हो गई। मरीजों की बढ़ रही संख्या से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। डेंगू से बचाव व संक्रमक रोगों की रोकथाम के लिए विभिन्न तैयारियां की गईं जिसमें कूपो में क्लोरीन, साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया गया। आंगबाड़ी केंद्रों पर जीवन रक्षक दवाइयां रखवा दी गईं। बीते एक माह में जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या मात्र दो थी। अगले ही माह संख्या में इजाफा हुआ और अब तक जिले में डेंगू के 30 मरीज पाए गए हैं। जनपद में स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के मरीजों की पुष्टि कर उनके घर के आस पास के 50 घरों में दवा का छिड़काव कराया है। साथ ही सफाई करने के निर्देश भी जारी किए।

अब तक 400 से ज्यादा डेंगू की चपेट में

बाढ़ व बारिश के चलते डेंगू का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा। अकेले पटना में 136 लोगों के डेंगू से ग्रसित होने की पुष्टि की गई है। प्रयागराज में गुरुवार 10 अक्टूबर तक 12 डेंगू के मरीजों की पुष्टि हुई। इसमें आठ साल का छात्र भी शामिल है। वहीं, राजधानी लखनऊ में जनवरी 2019 से लेकर अब तक 400 से ज्यादा डेंगू के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इसमें गुरुवार को 18 लोगों में डेंगू पाया गया। सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने शुक्रवार को फैजुल्लागंज का दौरा किया। यहां रोगों से बचाव के उपाय बताए। इस दौरान लोगों ने साफ-सफाई न होने की शिकायत की।

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