
कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की रहस्यमय हालात में मौत पर केंद्रीय जांच ब्यूरो की क्लोजर रिपोर्ट को एक विशेष अदालत ने खारिज कर दिया है। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सीबीआई कोर्ट ने अनुराग के भाई मयंक तिवारी द्वारा दायर एक याचिका पर आदेश पारित किया। उन्होंने मामला बंद किए जाने का विरोध किया था। सीबीआई ने मामले में दो बार 19 फरवरी 2019 और 28 जनवरी 2021 को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। कोर्ट ने अब अगली सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तारीख तय की है।
सीएम योगी ने सीबीआई से जांच के दिए आदेश
कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी 17 मई 2017 को अपने जन्मदिन पर हजरतगंज में मीरा बाई मार्ग पर राजकीय अतिथि गृह के पास रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। बहराइच जिले के निवासी अनुराग के परिवार में उनके माता.पिता और भाई आलोक और मयंक तिवारी हैं। वह सबसे छोटा थे। अनुराग को बेंगलुरु में आयुक्त खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग के रूप में तैनात किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। बाद में अनुराग के परिवार के सदस्यों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद राज्य सरकार ने सीबीआई से जांच का आदेश दिया।
आईएएस अनुराग तिवारी संदिग्ध हत्या मामला जानें
17 मई 2017 की सुबह लखनऊ में हजरतगंज थाना क्षेत्र में मीराबाई मार्ग पर आईएएस अनुराग तिवारी का शव सड़क किनारे संदिग्ध हालात में मिला था। वह दो दिन से स्टेट गेस्ट हाउस के कमरा नंबर.19 में ठहरे थे। 25 मई 2017 को मयंक तिवारी ने अपने आईएएस भाई अनुराग तिवारी की मौत मामले में हजरतगंज कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। मयंक ने आरोप लगाया था कि, उनके भाई के पास कर्नाटक के एक बड़े घोटाले की फाइल थी। उन पर इस फाइल पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया जा रहा था। परिवार की मांग पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच सीबीआई को सौंपी थी।
Published on:
20 Sept 2022 11:20 am
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