24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब नहीं जाना पड़ेगा पैथोलॉजी सेंटर, घर बैठे ही खरें खून की जांच

अब खून की जांच कराने के लिए आपको पैथेलॉजी सेंटर नहीं जाना पड़ेगा।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Akansha Singh

Aug 07, 2018

lucknow

अब नहीं जाना पड़ेगा पैथोलॉजी सेंटर, घर बैठे ही खरें खून की जांच

लखनऊ. अब खून की जांच कराने के लिए आपको पैथेलॉजी सेंटर नहीं जाना पड़ेगा। अब घर बैठे ही खून की जांच की जा सकेगी। आईआईटी मद्रास के एचटीआईसी (हेल्थकेयर टेक्नालॉजी इनोवेशन सेंटर) के सहयोग से एक ऐसी बैटरी बनाई गई है जिससे हम घर पर ही खून की जांच कर सकेंगे। आईक्वांट नाम के इस किट को जे मित्रा नाम की बायोटेक्नालॉजी कंपनी ने पेश किया है जो भारत की अग्रणी डायगनोस्टिक टेस्ट कंपनी है।

जानिए इस बैट्री के बारे में

यह एक ऐसी बेट्री है जिसकी शक्ति पर काम करने वाला आईक्वांट नाम का एक नया एनालाइज़र किट बनाया गया है। यह पोर्टेबल बैट्री है इसे हम कहीं भी ले जा सकते हैं। इसे थैले में लेकर मरीजों तक ले जाया जा सकता है। इसके इस्तमाल करने के लिए प्रशिक्षित तकनीशियन की आवश्यकता भी नहीं है और खून की जांच करने के बाद परिणाम 10–30 मिनट के अंदर मिल सकते हैं। इसका उपयोग करना किफायती होने के साथ उन जगहों के लिए उपयोगी है।

किट से इन बीमारियों की होगी जांच

इस पोर्टेबल किट को पूरी तरह भारत में निर्मित किया गया है और इससे तमाम टेस्ट एक अकेली मशीन से किए जा सकते हैं। इस किट से कई अन्य बिमारियों की भी जांच की जा सकती है। इससे आठ डायगनोस्टिक टेस्ट किये जा सकते हैं। इनमे डेंगू एनएस1, डेंगू एलजीएम, डेंगू एलजीजी, एचबीए1सी, टीएसएच, टी3, टी4, विटामिन डी शामिल हैं। कई अन्य परीक्षण भी बाद में इसमें शामिल किए जाएंगे।

कैसे बनाई गई किट

इस बेट्री में एक उच्च स्तर के प्रोसेसर का उपयोग किया गया है। इसकी मेमोरी में एक लाख मरीजों का डाटा स्टोर किया जा सकता है। इसमें 10 ईंच का कलर डिसप्ले, बेहतर प्रिंटिंग के लिए ब्लूटुथ, ऑनलाइन सपोर्ट के लिए वाई-फाई कनेक्टिविटी, बिजली जाने की स्थिति में एक घंटे पावर बैक-अप और सिर्फ दो किलो का होने के कारण इसे कहीं भी ले जाना आसान है। बिजली न रहने पर भी इस उपयोग में लाया जा सकता है।

कंपनी के प्रबंध निदेशक जे मित्रा का कहना है कि यह उत्पाद विज्ञान, सूचना तकनालाजी, हेल्थकेयर और अनुसंधान का मेल है और इसके इस्तेमाल से सामाजिक स्थितियों, जमीनी वास्तविकताओं और आर्थिक लाभ होंगे। यह बीमारी का पता लगाने और रोगनिदान की प्रक्रिया को बेहद प्रभावित करेगा, इससे उपचार और बीमारी ठीक करने की प्रक्रिया तेज होगी। नतीजतन भारत ज्यादा स्वस्थ होगा और यह सरकार की हेल्थकेयर फॉर ऑल पहल के तहत होगा।

वहीं इस डिवाईस के बारे में डॉ. अमिता शुक्ला का कहना है कि आईक्वांट के बाजार में आने से निश्चत तौर पर उन मरीज को फायदा पहुंचेगा। जिन्हे ब्लड चेकअप के लिए दूर जाना पड़ता है। लम्बी लाईन में लगना पड़ता है। ज्यादा रूपये देने पड़ते हैं। इस जहां मरीज का समय बचेगा। दूसरी तरफ हॉस्टिल में ब्लड चेकअप के लिए लोगों नहीं जाना पड़ेगा। इससे हॉस्टिल में भीड़ कम होगी। लेकिन कुछ जांचे ऐसी भी होती हैं। जिसमें मरीज को डाक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

इस किट के बारे में बताते हुए लखनऊ की एमबीबीएस डॉक्टर अमिता शुक्ला ने कहा की यह एक ऐसी मशीन है जिससे हम घर बैठे खून की जांच कर सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा की जांच से पहले हर एक बात डॉक्टर से पूछ लें।