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ट्रेन में सफर करते समय अपर बर्थ पर रेलवे देता है विशेष अधिकार, जानें नियम

भारतीय रेलवे ने अपने यात्रियों की सुविधा के लिए कई सारे नियम बनाए हैं। अपर बर्थ पर बैठने वाले यात्री को विशेष अधिकार दिए जाते हैं। जानें नियम

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लखनऊ

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Aniket Gupta

Mar 25, 2023

Indian Railway rules

भारतीय रेलवे

हर कोई यह चाहता है कि जब वह ट्रेन में सफर करे तो उसका सफर आरामदायक हो। जब हम टिकट बुक करते हैं तभी अपने सुविधा के अनुसार अपना बर्थ सेलेक्शन कर लेते हैं। हम हेमशा यह चाहते हैं कि सीट से लेकर सामान रखने तक सब कुछ परफेक्ट तरीके से हो जाए। लेकिन जैसा हम सोचते हैं हमेशा वैसा नहीं होता क्योंकि रेलवे के पास भी हर सुविधा लिमिटेड है। लेकिन आपको बता दें कि रेलवे ने अपने यात्रियों की सुविधा के लिए कई कड़े नियम बना रखे हैं। कुछ ऐसी जानकारियाँ है जो सामान्य तौर पर हम सभी को नहीं पता होता है लेकिन यात्रा के दौरान उन्हें फॉलो करना बेहद जरूरी होता है। भारतीय रेलवे ने सीट को लेकर भी कई सारे नियम बना रखे हैं। लोअर सीट के लिए अलग नियम, मिडल व अपर के लिए अलग अलग नियम बनाए गए हैं। आइए जानते हैं उन सारे नियमों को जिसका प्रयोग कर आप अपनी यात्रा को आरामदायक बना सकते हैं।

बीच वाली सीट को लेकर क्या है नियम
एसी व स्लीपर कोच में बीच वाली सीट कई बार परेशानी की वजह बन जाती है। मिडल सीट को खोलने के बाद नीचे वाली सीट पर इतना जगह नहीं बचता की कोई उसपर आराम से बैठ सके। अब ऐसे में आपकी सीट बीच वाली है या नीचे वाली, दोनों ही स्थिति में परेशानी हो सकती है। कई बार आप अपने नीचे की सीट पर आराम से बैठ कर सफर करने के मूड में होते हैं लेकिन मिडल सीट वाले व्यक्ति को अपने सीट पर हीं बैठना होता है। ऐसे में क्या वह इंसान अपनी सीट को जब चाहे तब खोल सकता है या नहीं? रेलवे द्वारा बनाए गए नियम क्या कहते हैं?

सुबह 6 बजे के बाद नहीं खोल सकते सीट
आपको बता दें कि भारतीय रेलवे के अनुसार मिडल बर्थ पर सफर करने वाले यात्रियों को रात 10 बजे से सुबह के 6 बजे तक हीं सीट खोलने का अधिकार है। अगर इस समय के आलवा वह अपनी सीट खोलना चाहता है तो सिर्फ नीचे बैठे व्यक्ति की सहमति के साथ ही खोल सकता है वरना नहीं। यही नियम साइड अपर और लोअर बर्थ के साथ भी लागू होता है।

2 स्टॉप का नियम
आपको यह बता दें कि अगर किसी कारण से आपकी ट्रेन मिस हो जाती है तो टीटीई अगले 2 स्टॉप या यूं कहे की अगले एक घंटे तक आपकी सीट किसी और यात्री को नहीं दे सकता। इसका सीधा अर्थ यह हुआ की अगले 2 स्टॉप मे से किसी स्टॉप से आप ट्रेन पकड़ सकते हैं, आपका सीट सुरक्षित रहेगा। वहीं तीन स्टॉप क्रॉस कर जाने के बाद टीटीई को यह अधिकार होता है कि वह आरएसी लिस्ट में पड़े व्यक्ति को सीट दे दें।

टीटीई को नहीं है यह अधिकार
भारतीय रेल आपकी यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए हर संभव प्रयास करती है। यात्रा के दौरान कई बार टीटीई आपसे टिकट दिखाने को कहता है। लेकिन टिकट चेकिंग के लिए भी रेलवे ने एक समय सीमा निर्धारित कर रखा है। आपको बता दें कि रात 10 बजे के बाद टीटीई आपको डिस्टर्ब नहीं कर सकता। टिकट चेकिंग का समय सुबह 6 से रात के 10 बजे के बीच का है। रात में सोने के बाद किसी भी पैसेंजर को डिस्टर्ब करने का अधिकार टीटीई को नहीं है। हालांकि आपको बता दें कि रात के 10 बजे से बाद यात्रा शुरू करने वालों पर यह नियम लागू नहीं होता।

अपर बर्थ वालों को मिलता है यह विशेष अधिकार
आपको बता दें कि अपर बर्थ पर बैठे यात्री को रेलवे यह अधिकार देती है कि आप सुबह 6 से रात के 10 बजे के बीच नीचे की सीट पर बैठने का अधिकार है। नीचे की सीट वाला व्यक्ति अपर बर्थ वाले को अपनी सीट पर जगह देने से मना नहीं कर सकता। यात्री की सुविधा को देखते हुए रेलवे ने इस तरह के नियम बनाए हैं।