
उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद ने एक फैसला किया है, जिससे फर्जी आय, जाति, निवास और हैसियत प्रमाण पत्र बनाने वालों को झटका लगा है। दरअसल, राजस्व परिषद ने आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनवाने में होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए आधार को लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। राजस्व परिषद की सचिव और आयुक्त मनीषा त्रिघाटिया ने सोमवार को इस संबंध में सभी डीएम को निर्देश भेज दिया। इसके बाद प्रदेश में अब जो भी प्रमाण पत्र बनेंगे उनमें आधार को लिंक करना जरूरी होगा। अगर किसी के प्रमाण पत्र में आधार लिंक नहीं होता तो वह वैध नहीं माना जाएगा।
अब आधार से जुड़ेंगे प्रमाण पत्र
प्रदेश में अब तक जिले स्तर पर आय, जाति, निवास और हैसियत प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसे बनाने के लिए अभी तक आधार की कॉपी ली तो जाती है, लेकिन इसे लिंक नहीं किया जाता था। लोग अपनी जरूरतों के आधार पर इसे बनवाते रहते हैं। इस वजह से यह प्रमाण पत्र तीन साल के लिए मान्य होता है। इसलिए इसको रोकने के लिए आधार को लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है।
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18 साल से कम बच्चों के लिए बायोमेट्रिक पहचान जरूरी
राजस्व परिषद ने 18 से कम आयु के बच्चों के लिए बायोमेट्रिक के साथ आधार नामांकन पर्ची या बायोमेट्रिक प्रमाण पत्र, स्कूल प्रधानाचार्य द्वारा जारी प्रमाण पत्र मान्य होगा। माता-पिता द्वारा बनवाया गया राशन कार्ड, भी मान्य होगा। भूतपूर्व सैनिकों के मामले में ईसीएचएस कार्ड या कर्मचारी राज्य बीमा निगम कार्ड मान्य होगा। इसके साथ ही अन्य जुड़े दस्तावेज मान्य होंगे।
Published on:
23 May 2023 09:46 am
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