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प्रदेश में बीते 24 घंटो में रिकार्ड 783 मीट्रिक टन से अधिक आक्सीजन की हुई आपूर्ति :अवनीश अवस्थी

locationलखनऊPublished: May 04, 2021 08:47:17 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

लखनऊ में डी0आर0डी0ओ0 द्वारा बनाये गये कोविड अस्पताल के लिए 10 मीट्रिक टन आक्सीजन का आवंटन निर्धारित

प्रदेश में बीते 24 घंटो में रिकार्ड 783 मीट्रिक टन से अधिक आक्सीजन की हुई आपूर्ति :अवनीश अवस्थी

प्रदेश में बीते 24 घंटो में रिकार्ड 783 मीट्रिक टन से अधिक आक्सीजन की हुई आपूर्ति :अवनीश अवस्थी

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में आक्सीजन की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिये व्यापक स्तर पर कार्यवाही करते हुए आक्सीजन की सप्लाई बढ़ाई गयी है। बीते 24 घंटे में रिकार्ड 783.31 मीट्रिक टन आक्सीजन की आपूर्ति प्रदेश भर मे की गयी है। मुख्यमंत्री द्वारा समस्या के स्थायी समाधान हेतु 300 नए आक्सीजन प्लांट भी लगाये जाने के निर्देश दिये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा ऑक्सीजन उत्पादन करने वाली इकाइयों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है तथा इसके लिये एक नीति बनायी गयी है।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बीते चौबीस घंटे में प्रदेश भर में हुई ऑक्सीजन की सप्लाई का विस्तृत विवरण देते हुए बताया कि 350.12 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति रिफीलर्स को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा की गयी है। साथ ही शासन के प्रयासो के फलस्वरूप 309 मीट्रिक टन आक्सीजन की सप्लाई प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों व चिकित्सा संस्थानो को तथा 124.19 मीट्रिक टन आक्सीजन की आपूर्ति ऑक्सीजन सप्लायर्स द्वारा सीधे निजी चिकित्सालयों को की गई है। इस प्रकार कुल 783 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन की सप्लाई बीते 24 घंटे में प्रदेश भर के सरकारी व निजी अस्पतालों में की गयी है।
अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोविड उपचार के लिए डी0आर0डी0ओ0 द्वारा बनाये गये कोविड अस्पताल के लिए प्रतिदिन 10 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन निर्धारित किया गया है। उन्होने बताया कि अभी केवल परीक्षण कार्य के लिए आवश्यक ऑक्सीजन ही उपलब्ध करायी गयी है तथा जैसे ही यह कोविड अस्पताल कार्य प्रारम्भ कर देगा, इसे निर्धारित 10 मीट्रिक टन की आपूर्ति समय से सुनिश्चित करा दी जायेगी।
अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि जिलेवार उपलब्ध ऑक्सीजन उत्पादन प्लांटस एवं उनकी क्षमता की लगातार समीक्षा की जा रही है। शासन द्वारा प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग का भी जनपदवार विवरण तैयार किया गया है। भारत सरकार द्वारा प्रदेश को आवंटित आॅक्सीजन कोटा को देखते हुए उसके अधिकतम उठान के प्रयास निरन्तर जारी है। उ0प्र0 में क्रायोजेनिक टैंकर की उपलब्धता के अनुसार अधिकतम ऑक्सीजन लाने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है जिसके लिये रेलवे द्वारा चलाई गई ऑक्सीजन एक्सप्रेस की मदद ली गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में रिफलिंग यूनिटस की जिलेवार संख्या, क्षमता आदि का विवरण भी तैयार किया गया है। खाली टैकर्स के ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लान्ट्स तक पहुंचने में समय की बचत हेतु हवाई मार्ग का सहारा लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग को तत्परता से पूरा करने के उद्देश्य से गृह विभाग में बने एक विशेष कन्ट्रोल रूम के माध्यम से ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था की ऑनलाइन मानीटरिंग की जा रही है। इस कन्ट्रोल रूम में गृह विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी लगातार 24 घंटे परस्पर समन्वय बनाकर कार्य कर रहे है।
यह भी उल्लेखनीय है कि रेलवे मार्ग से ऑक्सीजन लाने वाला भी यूपी पहला राज्य है। उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिये अन्य राज्यों यथा बिहार, उड़ीसा, बंगाल, झारखण्ड में स्थित ऑक्सीजन प्लान्ट से ऑक्सीजन प्रदेश में लाये जाने की व्यवस्था की गयी है जिसकी पूरी ऑनलाइन मानीटरिंग भी की जा रही है।
उ0प्र0 की सीमा से अन्य राज्यों के द्वारा होकर आने वाले टैंकर को ग्रीन कारीडोर बनाकर उन्हे निर्धारित स्थान तक शीघ्र पहॅुचाने की व्यवस्था भी की गई हैं। ऑक्सीजन के युक्तिसंगत/तर्कसंगत उपयोग के लिए ऑक्सीजन आडिट की व्यवस्था की गयी है ताकि उसकी बचत कर उसका सदुपयोग किया जा सके। इसके लिये आई आई टी कानपुर द्वारा साफ्टवेयर विकसित किया गया है। इस कार्य में आईआईएम लखनऊ, आईआईटी कानपुर व आईआईटी बीएचयू वाराणसी एकेटीयू, लखनऊ, एमएमटी0यू0 गोरखपुर, एचबीटीयू कानपुर, एनएनआईटी, प्रयागराज एवं एसजीपीजीआई द्वारा प्रदेश भर में ऑक्सीजन के आडिट कार्य में सहयोग लिया गया है।

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