20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रेलवे का कंफर्म टिकट खोने पर घबरायें नहीं, इन नियमों का करें पालन

यात्रा के पहले या सफर के दौरान कई बार जल्दबाजी में हमसे टिकट खोने की गलती हो जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना टिकट आप बिना किसी मुसीबत में फंसे अपनी यात्रा जारी रख सकते हैं। ट्रेन टिकट खो जाने की स्थिति में आप डुप्लीकेट टिकट बनवा सकते हैं। ऐसा करना बेहद ही आसान है। हालांकि आपको मामूली फीस देना होती है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Amit Tiwari

Jan 15, 2022

rail.jpg

कई बार हम यात्रा शुरू करने से पहले ही कंफर्म टिकट के चक्कर में रेलवे टिकट बुक करवा लेते हैं। जिससे ज्यादा परेशानियों का सामना न करने पड़े। लेकिन अगर इस दौरान आपका टिकट कहीं खो जाये तो, आपकी एक छोटी से लापरवाही आपकी यात्रा को और उसके पहले कंफर्म टिकट बुक कराने की मेहनत पर पानी फेर देती है। ऐसे आपको बिलकुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। भारतीय रेलवे ने ऐसी स्थिति के लिए भी ग्राहकों की सुविधा के नियम बना रखे हैं। इस खबर के माध्यम से हम आपको ऐसी स्थितियों से निपटने के बारे में बताएंगे।

जानिए ई-टिकट के बारे में

रेलवे ने ई-टिकट (E-Ticket) और आई-टिकट (I-Ticket) दोनों के बारे में उपाय बताया है। ई-टिकट वैसी टिकट होती है जो आईआरसीटीसी (IRCTC) की वेबसाइट से बुक की जाती है। बुकिंग होते ही ईमेल आईडी पर टिकट भेज दी जाती है। ई-टिकट सिर्फ कंफर्म या आरएसी मिलती है। टिकट बुक करने के लिए कोई पहचान पत्र देना होता है और यह पत्र यात्रा में साथ लेकर चलना होता है। अगर आपने टिकट बुक करते वक्त कोई मोबाइल नंबर दिया है, तो उस नंबर पर टिकट भेजा जाता है, जिसे यात्रा के दौरान दिखा सकते हैं। फोन पर दिखने वाली टिकट भी उतनी ही मान्य है जितनी उसकी कॉपी।

ई-टिकट खो जाए तो क्या करें

आईआरसीटीसी (IRCTC) की वेबसाइट पर अपनी आईडी और पासवर्ड से लॉग इन करें। अपने टिकट बुकिंग टैब को चेक करें। जहां से जहां तक यात्रा करनी है उसे सेलेक्ट करें और ई-टिकट को प्रिंट कर लें।

आई-टिकट क्या होती है

आई-टिकट (I-Ticket) इंटरनेट टिकट होती है जो कि ऑफिशियल आईआरसीटीसी की वेबसाइट से बुक करते हैं। हालांकि यह टिकट आपके पते पर कोरियर से आती है और डिलिवरी में 2-3 दिन का समय लग सकता है। इसलिए यात्रा शुरू करने की तारीख से 3-4 दिन पहले ही आई-टिकट बुक करनी चाहिए। आई-टिकट कंफर्म, आरएसी और वेटिंग तीनों कैटेगरी में मिल सकती है। आपके पते पर टिकट की हार्ड कॉपी मिलने से यह कंफर्म हो जाता है कि आपने ट्रेन टिकट की बुकिंग कराई है। आई-टिकट का दाम ई-टिकट से थोड़ा कम होता है। आई-टिकट भी काउंटर टिकट होती है। इसमें अंतर केवल यह होता है कि काउंटर पर खड़े नहीं होते और इसके बदले आईआरसीटीसी की वेबसाइट से बुकिंग करा लेते हैं। काउंटर पर टिकट डिलिवरी के बदले आपके पते पर कोरियर से टिकट आती है।

आई-टिकट खो जाए तो क्या करें

आई-टिकट खो जाए तो तुरंत डुप्लीकेट टिकट लेना जरूरी होता है जो कि रिजर्वेशन काउंटर से मिल सकती है।

इन स्टेप्स का करें पालन

रिजर्वेशन काउंट पर जाएं। स्टेशन मास्टर के नाम एक आवेदन लिखें, जिसमें पीएनआर नंबर, कहां से कहां तक यात्रा, यात्री का नाम, उम्र की जानकारी दें। आवेदन के साथ अपने आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ की एक-एक कॉपी लगाएं। यह वही प्रूफ होना चाहिए जो ओरिजिनल टिकट कटाते वक्त इस्तेमाल किया गया था। डुप्लीकेट टिकट का जो चार्ज बनता है उसे जमा करें। इसके बाद रेलवे काउंटर से आपको डुप्लीकेट टिकट दी जाएगी। यात्रा के दौरान इसे आईडी और एड्रेस प्रूफ के साथ दिखाएं।