
ISRO LDA
लखनऊ. अब एलडीए की ओर से अपनी जमीन की तलाश और निर्माण वैध है या अवैध इसका पता आसानी से किया जा सकेगा। इसमें एलडीए की मदद इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (इसरो) करेगा। फरवरी माह से इसरो की ओर से इमेजेस मिलना शुरू हो जाएगा। इस क्रम में एलडीए की ओर से इसरो को भुगतान भी कर दिया गया है। फरवरी माह से एलडीए को इसरो से इमेजेस मिलना शुरू हो जाएंगी। इमेजेस मिलने के बाद ऐसे जमीनें भी सामने आएंगी, जो एलडीए की हैं लेकिन उन पर अवैध निर्माण हो चुका है।
ड्रोन को इसरो ने किया रिपलेस
प्राधिकरण की ओर से ड्रोन की मदद भी ली जा रही थी। इसके एलडीए जोनवार ड्रोन से क्षेत्र में जमीन तलाशने का काम कर रहा था। अधिकारियों का मानना है कि इसके परिणाम ज़्यादा अच्छे नहीं आ रहे थे। जिसके चलते यह व्यवस्था ठंडे बस्ते में चली गई।
अवैध कब्जे बने एलडीए का सिर दर्द
प्राधिकरण के सभी सात जोन में अवैध कब्जों की समस्या बरकरार है। प्रवर्तन दस्तों की ओर से समय-समय पर इन कब्जों को हटाने की कार्रवाई तो की जाती है, लेकिन प्राधिकरण की जमीनों अब भी पूरी तरह कब्ज़ा मुक्त नहीं हो सकी हैं।
इसरो का लेंगे सहारा
एलडीए ने इसरो की मदद लेने की तैयारी कुछ समय पहले की थी। इसरो की सैटेलाइट से मिलने वाली तस्वीरों से अवैध कब्जों से जुड़ी जानकारी आसानी से प्राप्त हो जाएगी। इसरो से इमेजेस लेने के लिए लाइसेंस लेने और अन्य प्रक्रिया भी एलडीए की ओर से पूरी कर ली गई है।
8 लाख का भुगतान कर चुका है एलडीए
इसरो से लाइसेंस मिलने के बाद एलडीए की ओर से इसरो की सर्विसेज का भुगतान किया गया है। इसके लिए करीब 8 लाख का भुगतान किया गया है। सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। तस्वीरें मिलने के बाद प्राधिकरण नए सिरे से रणनीति बनाकर जमीन खाली कराने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया जाएगा।
एलडीए वीसी पीएन सिंह ने बताया कि इसरो से इमेजेस लेने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इसरो को भुगतान भी कर दिया गया है। सब सही रहा तो अगले तीन हफ़्तों में इसरो से इमेजेस मिलने लगेंगी।
Published on:
11 Jan 2018 02:16 pm
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