
दो बार JEE व NEET का निर्णय गरीब व ग्रामीण छात्रों के हित में: बीजेपी
लखनऊ. जेईई व नीट की परीक्षा साल में दो बार आयोजित करवाने के एमएचआरडी के फैसले का शिक्षकों व अभिभावकों के बाद नेताओं ने भी स्वागत किया है। बीजेपी प्रवक्ता मनोज मिश्र ने कहा कि मानव संसाधन मंत्री का यह निर्णय छात्रों को और विशेषकर ग्रामीण पृष्टभूमि के छात्रों के हित में है। इससे छात्रों को प्रवेश परीक्षा में मौके बढ़ जायेंगे। सरकार का निर्णय 70 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को देखते हुए किया गया है। परीक्षा कम्प्यूटर आधारित होगी। गांवों के आस-पास गरीब और ग्रामीण पृष्टिभूमि के छात्रों को निःशुल्क कम्प्यूटर ट्रेनिंग दी जायेगी। सरकार का यह निर्णय ऐतिहासिक है।
बीजेपी प्रवक्ता डॉ मिश्र ने कहा कि छात्रों के हित में लिए किए गये निर्णय में छात्र अपना प्रदर्शन सुधार सकेंगे। दोनों टेस्ट में अधिक प्राप्तांक स्वीकार करने का निर्णय छात्रों के हित में है। वहीं छात्रों के लिए फीस और पाठ्यक्रम को नहीं बदलना भी छात्रों के प्रदर्शन में परीक्षा दर परीक्षा सुधार होगा। बीजेपी प्रवक्ता ने बताया कि कम्प्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा 4-5 दिन चलने से प्रतियोगी छात्रों को सुविधा होगी। इस प्रक्रिया के पर्चा लीक होने पर रोक लगेगी। केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय का निर्णय न सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि सराहनीय भी है।
जानें क्या हुआ है बदलाव
अब जेईई मेन और नीट (यूजी) की परीक्षा साल में अब दो बार आयोजित कराई जाएगी। खास बात यह है कि छात्र पहली बार इन परीक्षाओं में मन मुताबिक दिन व समय का चुनाव कर सकेंगे। साथ ही जिन छात्रों ने 2018 में जेईई मेन और नीट (यूजी) की परीक्षा दी है, वे भी दोबारा परीक्षा में बैठ सकेंगे। उधर, छात्र जनवरी की परीक्षा के लिए 1 से 30 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। परीक्षा 6 से 20 जनवरी के बीच होगी।बता दें कि पेपर लीक से बचाने के लिए जेईई मेन और नीट(यूजी) परीक्षा कंप्यूटर पर ली जाएगी। इसका मतलब यह नहीं कि परीक्षा ऑनलाइन होगी। कंप्यूटर पर प्रश्नपत्र आएगा, जिसे छात्र को हल करना होगा।ऑफलाइन मोड से परीक्षा देने वाले छात्रों की सुविधा के लिए शनिवार व रविवार को बाकायदा छात्रों को कंप्यूटर पर प्रैक्टिस करवायी जाएगी, जिसमें विशेषज्ञ छात्रों की मदद करेंगे।
Published on:
09 Jul 2018 12:45 pm
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