
आईजीआई एयरपोर्ट से तीन गुना बड़ा होगा यूपी का जेवर हवाईअड्डा, बना दुनिया पांचवा सबसे बड़ा एयरपोर्ट
लखनऊ. यूपी का जेवर एयरपोर्ट दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से तीन गुना बड़ा होगा। इस हवाई अड्डे से दुनियां भर के लिए वायुयान सेवाएं बेहतर हो सकेंगी। प्रदेश भर में सड़कों का जाल भी बिछाया जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण के बाद दिल्ली से पटना तक किसानों को अपना माल लाने-ले-जाने के लिए आसानी होगी। ये बाते मुख्य सचिव डा. अनूप चन्द्र पाण्डेय ने कहीं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे सहित अन्य सड़कों की निर्माण योजनाओं द्वारा किसानों को आवागमन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रक्रिया प्राथमिकता से चल रही है। यूपी के किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थान दिलाने के लिए उनको विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने एवं सुगमता से दूरदराज मंडियों में बेचने के लिए पहुंचाने के लिए रोड कनेक्टीविटी की सुविधा दिलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अपना स्थान बनाने के लिए किसानों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का उत्पादन करना होगा। आप्टिकल केबिल से प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा रहा है।
5वां सबसे बड़ा एयरपोर्ट
करीब 5 हजार हेक्टेयर में तैयार होने जा रहे जेवर एयरपोर्ट दुनिया का पांचवां और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा। किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाद एशिया का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट चीन के शंघाई है। शंघाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट 3,988 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है, इस लिहाज से जेवर एशिया का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा।
3,600 परिवार होंगे विस्थापित
दिल्ली एयरपोर्ट से 88 किलोमीटर दूर जेवर एयरपोर्ट के विकास के लिए लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 1239 हेक्टेयर भूमि पर जेवर के 6 गांवों में भूमि अधिग्रहण को लेकर 30 अक्टूबर 2018 को नोटिफिकेशन जारी किया। इससे पहले 17 अक्टूबर को जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को इस संबंध में रिपोर्ट भेजा था। स्थानीय प्रशासन को योजना के पहले चरण के तहत 1239 हेक्टेयर भूमि हासिल करने के लिए जेवर में 6 गांवों से करीब 3 हजार किसानों से जमीन अधिग्रहित करनी होगी और इसमें 3,600 परिवार प्रभावित होंगे।
हर घंटे 24 हवाई जहाज भरेंगे उड़ान
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर व्यस्ततम समय में प्रति घंटा 24 हवाई जहाज रनवे से उड़ान भरेंगे और उतरेंगे। वर्ष 2044 तक यह आंकड़ा 85 हवाई जहाज तक पहुंच जाएगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड (निआल) द्वारा जारी एयरपोर्ट की बिड में यह अनुमान पेश किया गया है। एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं का वर्ष 2022 में संचालन शुरू होने पर यात्रियों की संख्या एक करोड़ बीस लाख के लगभग होने का अनुमान भी लगाया गया है। यात्रियों की संख्या सालाना करीब एक करोड़ बीस लाख होगी। वित्त वर्ष 2034 तक यात्रियों की सालाना संख्या तीन करोड़ तक पहुंच जाएगी। वर्ष 2044 तक यात्रियों की संख्या सालाना सात करोड़ होगी। इसके साथ ही एयरपोर्ट से व्यस्त समय में प्रति घंटा उड़ान भरने एवं उतरने वाले हवाई जहाज की संख्या 85 के लगभग होगी।
1 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
जेवर एयरपोर्ट से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। एयरपोर्ट के नजदीक एयरोसिटी विकसित करने की योजना है। इसमें मल्टीप्लेक्स, मॉल, पब, कंवेंशन सेंटर, मंडी आदि विकसित की जाएगी। इससे किसानों की फसल भी विश्व मार्केट तक पहुंचेगी।
मेट्रो से जुड़ेगा जेवर
जेवर एयरपोर्ट को मेट्रो से जोड़ा जाएगा। मेट्रो के लिए डीपीआर तैयार हो गई है। यमुना प्राधिकरण की आगामी बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास कराकर इसे शासन को भेज दिया जाएगा। जेवर मेट्रो को एक्वा लाइन मेट्रो के नॉलेज पार्क-2 से जोड़ा जाएगा। इससे आईजीआईए, दिल्ली व अन्य शहरों की मेट्रो जुड़ेगी। डीपीआर के मुताबिक जेवर एयरपोर्ट एक्वा लाइन के नॉलेज पार्क टू स्टेशन से जुड़ेगी। नॉलेज पार्क टू से नंगला हुकुमसिंह गांव तक एलिवेटेड और वहां से एयरपोर्ट टर्मिनल तक भूमिगत होगी। इस रूट पर 25 स्टेशन होंगे।
Updated on:
27 Jun 2019 01:30 pm
Published on:
27 Jun 2019 12:17 pm
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