22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राज्य ललित कला अकादमी के स्थापना दिवस पर कला पर्व की हुई शुरुआत

संस्कृति मंत्री ने कहा कि कला अमूल्य है और कला सभी क्षेत्रों में है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Laxmi Narayan

Feb 08, 2018

rajya lalit kala academy

लखनऊ. प्रदेश के संस्कृति मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने राज्य ललित कला अकादमी परिसर में दृश्य कला के कलाकारों के उत्थान एवं प्रोत्साहन के लिए राज्य ललित कला अकादमी के स्थापना दिवस पर आयोजित कला पर्व का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम के दौरान संस्कृति मंत्री ने कहा कि कला अमूल्य है और कला सभी क्षेत्रों में है। चित्रकार का योगदान भारत वर्ष के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

मंत्री ने कहा कि अपना प्रदेश विश्व में कला की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण है। जिस व्यक्ति के जीवन में कला साहित्य, संगीत नहीं, वह जीवन नीरस है और ऐसे जीवन का समाज में कोई महत्व नहीं होता। उन्होंने नवोदित कलाकारों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा अपनी कलाओं का प्रदर्शन करते हुए प्रचार करें। संस्कृति मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करने वाले और प्रदेश को गौरवान्वित करने वाले युवा कलाकार, स्थापित कलाकारों के साथ ही वरिष्ठ कलाकारों को प्रोत्साहित व सम्मानित किया जाएगा।

सचिव संस्कृति जगत राज ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान एक राष्ट्रीय चित्रकार शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें ललित कला अकादमी नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार और राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश से अखिल भारतीय कला-प्रदर्शनी में पुरस्कार प्राप्त उत्तर प्रदेश के कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। कलाकारों द्वारा इस शिविर में दो-दो कलाकृतियों का सृजन किया जायेगा। उन्होंने अवगत कराया कि इस कार्यक्रम में एक कला मेला का आयोजन सुनिश्चित किया गया है। इसमें अधिक से अधिक युवा एवं वरिष्ठ कलाकारों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अकादमी द्वारा दृश्यकला के शिक्षण संस्थानों एवं कला संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है।

कार्यक्रम में अकादमी के समकालीन संग्रह से चयनित कृतियों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आयोजित कार्यक्रम में 11 से 14 फरवरी 2018 तक ‘‘दृश्यकला के विविध स्वरूप-समकालीन कला के परिप्रेक्ष्य में’’ पर आधारित कला परिचर्चा का आयोजन किया जायेगा। इसमें अकादमी द्वारा विद्वतजनों को आमंत्रित किया गया है जो विषयानुसार अपने विचारों को प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम में विशेष सचिव संस्कृति हीरा लाल, सचिव राज्य ललित कला अकादमी श्री यशवन्त सिंह के अतिरिक्त अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।