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करवाचौथ- व्रत रख महिलाएं सदा सुहागन रहने के लिए इस देवता की करती हैं पूजा

...और फिर चंद्रमा को देखकर अपना व्रत तोड़ती हैं।

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करवाचौथ- व्रत रख महिलाएं सदा सुहागन रहने के लिए इस देवता की करती हैं पूजा

लखनऊ. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से करवाचौथ कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। करवाचौथ व्रत पत्नी अपने पति के लंबी आई के लिए रहती है। हिंदू धर्म में पति-पत्नी का नाता सात जन्मों तक माना जाता है। इस बार यानी 2018 में करवाचौथ 27 अक्टूबर यानी शनिवार को है। करवाचौथ के दिन महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत का विशेष महत्व है।
व्रत में विवाहित महिलाएं पूरा सिंगार कर, गहने आदि पहन कर शिव, शिवा, गणेश, मंगल ग्रह के स्वामी देवसेनापति कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा करती हैं और फिर चंद्रमा को देखकर अपना व्रत तोड़ती हैं। महिलाएं छलनी से चांद को देखने के साथ साथ पति का चेहरा भी देखती हैं। पति इसके बाद पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तुड़वाता है।
बता दें कि हिंदू कैलेंडर के हिसाब से करवाचौथ कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
27 अक्टूबर 2018, शनिवार- शाम 5.36 से 6.54 तक
27 अक्टूबर 2018, शनिवार- चंद्रोदय रात 8 बजे

कैसे मनाया जाता है?
करवाचौथ व्रत में महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले उठकर सर्गी खाती हैं। यह खाना आमतौर पर उनकी सास बनाती हैं। इसके बाद महिलाएं पूरे दिन भूखी-प्यासी रहती हैं। दिन में शिव, पार्वती और कार्तिक की पूजा की जाती है। चंद्रमा दिखने पर महिलाएं छलनी से पति और चंद्रमा की छवि देखती हैं। पति इसके बाद पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तुड़वाता है।

व्रत वाले दिन न दें ये चीजें
व्रत वाले दिन महिलाओं को किसी को भी दही, चावल या सफेद रंग का कपड़ा नहीं देना चाहिए। ऐसा करना भी शुभ नहीं माना जाता है।