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UP में कांग्रेस की खटिया खड़ी, अब कहीं PK बिस्तर न करा दें गोल!

घर-घर पहुंच गई कांग्रेस की खटिया, आपको मिली क्या?

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Nitin Srivastva

Sep 07, 2016

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लखनऊ. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने मिशन यूपी की शुरुआत कर दी है। राहुल देवरिया से दिल्ली तक की 2500 किलोमीटर लंबी किसान यात्रा कर रहे हैं। यात्रा की शुरुआत देवरिया के रुद्रपुर गांव से हुई। यहां राहुल ने लोगों के साथ खाट पर चर्चा की। इसके लिए 2000 खाटों का इंतजाम किया गया था। जैसे ही देवरिया में राहुल की सभा खत्म हुई लोगों ने सभी खाटें लूट लीं। पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी इस लूट में शामिल दिखीं। जिस खाट पर जो बैठा था वही उसे लूटकर ले गया। लोगों ने पत्रकारों को भी धक्का मारकर खाटों से उतार दिया। जो लोहे की खाटें थीं, जिन्हें लोग उठा नहीं पाए बस वही थोड़ी बहुत बच पाईं। खाटें लूटने के लिए लोगों ने लाठियां भी चलाईं।

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कांग्रेस की खटिया लुट गई
खटिया खड़ी करने का मुहावरा आपने सुना होगा। फिल्म में खटिया सरकाने पर तो गाना ही बन गया। लेकिन यहां तो फर्स्ट डे, फर्स्ट शो में ही कांग्रेस की खटिया लुट गई। करीब आठ हजार लोग उत्तर प्रदेश के देवरिया में इस पहली खाट पंचायत के गवाह बने और इसमें से डेढ़ हजार लोग तो खटिया लेकर भी चलते बने। किसी ने एक तो किसी ने दो-दो खटिया उठा रखी थी। फ्री का नारा राहुल गांधी देकर गए। लेकिन पांच मिनट भी नहीं बीते कि लोगों ने उसे अमल में लाना शुरू कर दिया। कांग्रेस की खटिया घर-घर पहुंच गई। वो भी तब जबकि ये न तो घोषणापत्र में होगा न राहुल गांधी के वादों में।


लुट गईं 12 से 15 लाख की खटिया
इस सभा के बाद हालत ये हो गई कि कुशीनगर की अगली सभा में ऐलान तक करना पड़ा कि खाट छोड़कर जाएं। क्योंकि यही खाट राहुल गांधी की अगली सभा में जाएगी। एक खाट की कीमत 800 से हजार रुपये की है। यानी 12 से 15 लाख की खाट देवरिया में लुट गई। खाट लगाने का काम कांग्रेस ने ठेकेदार को दे रखा है। लेकिन अब कांग्रेस खाट के पैसे भरेगी। हालांकि देवरिया के कुशीनगर में 600 लकड़ी के खाट लगे थे और 100 लोहे की खाट। अब चुनौती अगले दिन से खाट लगाने और खाट बचाने की भी रहेगी।


खटिया के पीछे PK का दिमाग
खटिये का कॉन्सेप्ट प्रशांत किशोर लेकर आए हैं। हर जगह प्रशांत किशोर खुद मौजूद हैं और खाट सम्मेलन का इंतजाम अपने हाथों में लिए हुए हैं। ये वही प्रशांत किशोर हैं जो नरेंद्र मोदी के लिए चाय पे चर्चा और नीतीश कुमार के लिए घर-घर दस्तक कार्यक्रम कर चुके हैं। मोदी और नीतीश को सत्ता तक पहुंचाने के बाद प्रशांत किशोर अब राहुल की राजनीति चमकाने में लगे हैं। राहुल के लिए रैंप वॉक कराया लेकिन इस बार खाट ज्यादा ही चर्चा में है।


तो क्या अब नहीं बिछेगी खटिया
खटिया लुटने के बाद अब सवाल खड़े होने लगे हैं। अब राहुल गांधी की महायात्रा के दौरान गांवों में सभाएं तो होंगी लोकिन शायद खाट नहीं बिछेगी। वहीं पार्टी के अंदर एक बार फिर PK को नकारने वाले वरिष्ठ नेता उनकी खटिया खड़ी करने को तैयार हैं। यूपी से जुड़ा कोई नेता खाट सभा का स्वरूप बदले जाने की पुष्टि तो नहीं कर रहा लेकिन वे भी मान रहे हैं कि इससे आगे की सभाओं में और दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं। अंतिम फैसला राहुल गांधी को लेना है।

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कांग्रेस ने किये कई वादे
इस खटिया एपिसोड से पहले राहुल बस पर नारा लिखवाकर आए थे, कर्ज माफ और बिजली हाफ। राहुल कह रहे हैं कि यूपी में सत्ता में लौटे तो किसानों का कर्ज माफ कर देंगे और बिजली बिल आधा हो जाएगा।


यूपी में किसानों पर 50000 करोड़ का कर्ज
उत्तर प्रदेश में कुल 2 करोड़ किसान हैं और हर किसान पर करीब 27 हजार 300 का कर्ज है। ऐसे में कर्ज की रकम जोड़ी जाए तो करीब 50000 करोड़ बनती है। 2009 में कांग्रेस ने पूरे देश में किसानों का 60 हजार करोड़ कर्ज माफ किया था। किसानों का कर्ज माफ करके यूपीए दोबारा सत्ता में आ गई। लेकिन वो पूरे देश का था। अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो इस बार सिर्फ यूपी में 50 हजार करोड़ कर्ज माफ करना होगा। ये वही कांग्रेस है जो दिल्ली में केजरीवाल की मुफ्त की राजनीति का विरोध कर चुकी है। लेकिन अब फ्री के फॉर्मूले के भरोसे ही है।

अखिलेश देंगे फ्री स्मार्ट फोन
अखिलेश सरकार फ्री में स्मार्ट फोन बांटने का एलान कर चुकी है। जाति की राजनीति यूपी के लिए नई नहीं है और अब कांग्रेस भी यही दांव आजमा रही है। ब्राह्मण सम्मेलन करके कांग्रेस के नेता धड़ल्ले से वादे किए जा रहे हैं जबकि राहुल गांधी तो जात-पात से ऊपर उठने की वकालत कर चुके हैं।

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यूपी में 27 सालों से सत्ता में नहीं
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 27 सालों से सत्ता से दूर है, दिल्ली की सत्ता गए भी दो साल बीत गए हैं। इसलिए यूपी में वापसी के लिए कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। उसूल पीछे छूट चुके हैं और आवाज बदल चुकी है। प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर जिस प्रशांत किशोर को साउंड रिकॉर्डिस्ट कह चुके हैं, अब उसी की बोली बोलकर कांग्रेस कुर्सी वापस पाना चाह रहे हैं।