
प्रदेश के 30 हजार परिषदीय विद्यालयों में बनेगा किचन गार्डन, 15 करोड़ रुपये स्वीकृत
लखनऊ. परिषदीय स्कूलों में अक्सर मिड डे मील (Mid Day Meal) में खामियों की शिकायत पाई जाती है। प्रदेश सरकार ने इन शिकायतों को दूर करने के लिए मिड डे मील योजना (एमडीएम) के तहत बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए 30 हजार परिषदीय विद्यालयों में किचन गार्डन शुरू करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत बच्चों को रोजाना पौष्टिक आहार दिया जाएगा, जिसमें चिक्की, बेसन का हलुवा और गुड़ की पट्टी भी शामिल होगी। इसके लिए केंद्र ने पांच हजार रुपये प्रति स्कूल की दर से 15 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने बताया कि केंद्र ने प्रदेश सरकार के तीन प्रस्ताव मंजूर किए हैं। इसमें इस वित्तीय वर्ष के लिए एमडीएम में 2700 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
प्रदेश के आठ महत्वाकांक्षी जिले बलरामपुर, चित्रकूट, चंदौली, फतेहपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बहराइच और सोनभद्र के स्कूलों में एमडीएम के अतिरिक्त चिक्की, बेसन का हलुवा या गुड़ की पट्टी भी दी जाएगी। इसके लिए 90 करोड़ 78 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। लॉकडाउन और ग्रीष्मावकाश में बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में पोषाहार की लागत और अनाज देने के लिए 363 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इस वर्ष विकास खंड स्तर पर एमडीएम की मांग और उपभोग को ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके साथ ही मिड डे मील की सोशल ऑडिट भी कराई जाएगी।
मिड डे मील के लिए उगाई सब्जियां खाएंगे छात्र
परिषदीय विद्यालयों के छात्र मिड डे मील के लिए उगाई जाने सब्जियों का स्वाद लेंगे। इसके लिए विद्यालय की जमीन पर ही पौधे उगाए जाएंगे। मिनिस्ट्री के निर्देशों के मुताबिक, जिन विद्यालयों के पास पौधे उगाने के लिए पर्याप्त जमीन नहीं है। वह छत पर बगीचे का निर्माण कर सकते हैं और उपज की खेती के लिए गमले, कंटेनर, बैग और अन्य तकनीक इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चों द्वारा रसोई बनाने में स्कूल के कर्मचारी और शिक्षक उनकी मदद करेंगे।
Updated on:
31 Jul 2020 02:00 pm
Published on:
31 Jul 2020 01:59 pm
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