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दो साल बाद आज फिर से खुलेगा इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला, जानें भारत में और कितने ताराघर हैं

locationलखनऊPublished: Sep 10, 2021 12:21:59 pm

Submitted by:

Mahima Soni

कोविड -19 महामारी के कारण लगभग दो वर्षों से बंद, इंदिरा गांधी तारामंडल आज से फिर से आम जनता के लिए खुलने वाला है जिसमे आप फिर से अपना मनपसंद एस्ट्रो शो देख सकेंगे| अगर आप दो साल से उन खगोलीय शो को याद कर रहे हैं जहां आप सितारों को छूने और आकाश में हो रही चीजों को बहुत नजदीक से देखते थे तो अब आपका इंतजार खत्म हुआ|

दो साल बाद आज फिर से खुलेगा इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला, जानें भारत में और कितने ताराघर हैं

दो साल बाद आज फिर से खुलेगा इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला, जानें भारत में और कितने ताराघर हैं

लखनऊ. Indira Gandhi Planetarium: कॉस्मिक शो हर दिन चार अलग-अलग समय पर ‘कॉस्मिक जर्नी’ के नाम से 45 मिनट के लिए चलाया जाएगा और शो के दौरान कोविड -19 सुरक्षा मानदंडों का सख्ती से पालन किया जाएगा| शनिवार और रविवार को पहला शो अंग्रेजी में होगा जबकि बाकी दिन सभी शो हिंदी में होंगें|
आईजीपी के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव के मुताबिक जिस कोरोना महामारी के कारण, लखनऊ का विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला, गोरखपुर का वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला, और रामपुर का आर्यभट्ट तारामंडल द्वारा संचालित तीनों तारामंडल को 12 मार्च, 2020 से आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था, उसे आज से फिर खोला जा रहा है|
दो साल बाद क्यों खोला जा रहा है?
जैसे की अब सभी शैक्षणिक संस्थान ऑफलाइन मोड में खोले जा चुके हैं और नक्षत्रशाला में अधिकांश आने वाले लोग इसी फील्ड से हैं इसलिए इसे खोलने का फैसला किया है।
शो टाइमिंग्स –
दोपहर 01:00 और 02:30 बजे
शाम 04:00 और 05:00 बजे

तारामण्डल या नक्षत्रशाला क्या होता है?
तारामण्डल या नक्षत्रशाला एक ऐसा भवन होता है जहाँ ‘खगोलिकी व नाइट स्काई’ से जुड़ी हुई जरुरी, सामान्य और मनोरंजक जानकारी दी जाती है। ताराघर की पहचान अक्सर उसकी विशाल गुंबदनुमा (dome shaped) प्रोजेक्शन स्क्रीन के द्वारा होती है।
भारत में कितने तारघर हैं?
भारत में 30 ताराघर हैं। इनमें से चार, मुंबई, नई दिल्ली, बंगलौर व इलाहाबाद में हैं, जिसे जवाहरलाल नेहरू के नाम से भी जाने जाते हैं। चार ताराघर बिड़ला घराने द्वारा कोलकाता, चैन्नई, हैदराबाद व जयपुर में चलाये जाते हैं। सितंबर 1962 में देश के पहले तारघर को ‘एम पी बिड़ला’ कोलकाता से शुरू किया गया था|

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