लखनऊ. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत उपभोक्ताओं को मिलने वाले केरोसिन आयल में 50 प्रतिशत कटौती किये जाने के विरोध और अन्य राज्यों की तरह राशन डीलर कमीशन किये जाने की मांग को लेकर 'फेयर प्राइस शांप डीलर एसोसिएशन' के बैनर तले अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर प्रदेश भर के कोटेदारों ने भाजपा कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित ज्ञापन सौंपा। इसी क्रम ने राजधानी में भी भाजपा कार्यालय के बाहर सैकड़ों कोटेदारों ने प्रदर्शन कर भाजपा के महामंत्री को ज्ञापन सौंपा। कोटेदारों ने चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव 2017 में लामबंद होकर विरोध करने का फैसला किया है। प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि अगर कोटेदारों का उत्पीड़न बन्द नहीं हुआ तो कोटेदार प्रदेश भर के 50 लाख वोट को प्रभावित करेंगे।
-संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश तिवारी ने कहा कि मुख्य रुप से कोटेदारों की 7 प्रमुख मांगे है जिसको लेकर कोटेदार संघ पिछले कई बार धरना प्रदर्शन कर चुका है, लेकिन सरकार की तरफ से कोई सुनवाई नहीं हुई।
-उन्होंने कहा पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस बार केरोसिन आयल में 50 प्रतिशत की कटौती करके आवंटन दिए जाने का फैसला लिया है।
-इससे प्रदेश की जनता और कोटेदारों को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है।
इसको लेकर कोटेदारों में भारी आक्रोश है।
-प्रदेश महासचिव अशोक कुमार सिंह ने कहा कि कोटेदार इस बार आरपार की लड़ाई लड़ने को मजबूर हो गये हैं।
-इस बार शासन उनकी मांगें नहीं मानती है तो वह अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने को बाध्य हो जायेंगे।
-साथ ही सभी जिलों में खाद्यान्न उठान बंद करने साथ वितरण कार्य पूरी तरह ठप कर देंगे।
-उन्होंने आगे कहा कि कोटेदार कई वर्षों से उत्पीड़न झेल रहे हैं। जो अब बर्दाश्त के बाहर है।
सीएम अखिलेश ने पीएम को लिखा था लेटर
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने प्रदेश के त्रैमासिक मिट्टी के तेल का आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया है। सीएम ने पत्र में उत्तर प्रदेश के मौजूदा त्रैमासिक आवंटन को बढ़ाकर 600936 केएल करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में पीएम को जानकारी दी थी कि, पिछले 3 महीनों में लगातार तेल के आवंट में कटौती की गयी है। पत्र में ये भी लिखा गया है कि, त्रैमासिक आवंटन में कटौती के चलते राशन कार्ड धारकों को मिट्टी का तेल उपलब्ध करने में दिक्कत हो रही है।
यह हैं उचित दर विक्रेताओं की प्रमुख मांगे
1- राशन दुकानदारों पर लगने वाली धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम पूर्व बसपा सरकार द्बारा पुन: लागू कर दी गयी है। जबकि मुलायम सिंह की सरकार में स्थगित कर दिया गया था। इस सरकार में पुन:स्थगित किया जाये।
2- राशन विक्रेताओं को 40,000 रुपये मानदेय दिया जाय व सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाये।
3- बाल पोषाहार का ढुलाई भाड़ा एवं डोर स्टेप डिलीवरी की धनराशि कुछ जिलों में भुगतान कर दिया गया है। प्रदेश के समस्त जिलों में भुगतान कराया जाय।
4- खाद्य सुरक्षा में एक ही विभाग से सत्यापन व वितरण कराया जाय।
5- वर्तमान जनसंख्या के अनुसार राशन कार्ड बनवाया जाय।
6- निलम्बित दुकानों को बहाल किया जाय व राशन विक्रेताओं पर दर्ज मुकदमें वापस हो।
7- आधार कार्ड नम्बर फीड कराने में राशन विक्रेताओं व कर्मचारियों का उत्पीड़न बन्द हो।
8- केरोसिन आयल में 50 प्रतिशत की कटौती करके दिया जा रहा आवंटन बंद किया जाये।