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FRIENDSHIP DAY : रिश्ते निभाने का नाम होता है दोस्ती

आज दिन है दोस्ती का, आज यही दुआ है मेरी, तू सदा खुश रहे यही इल्तिजा है मेरी, हैपी फ्रेंडशिप डे।

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Astha Awasthi

Aug 02, 2015

friendship day special

friendship day special

लखनऊ।
बारिश का मौसम, सुहानी हवा और दोस्तों का साथ धरती पर इससे अच्छा कोई मेल नहीं होता। यूं तो मौसम चाहे कैसा भी हो लेकिन दोस्त हर मौसम को सुहाना बना देते हैं। ऐसा ही कुछ रिश्ता होता है दोस्ती का। खून के रिश्ते हमें परिवार में मिलते हैं, लेकिन दोस्ती भगवान का दिया हुआ वह खूबसूरत वरदान व तोहफा है जो सभी रिश्तों की बुनियाद बन जाता है। दोस्त उसी को कहा जाता है जो आपकी जरूरत के समय मदद करे, जिसके साथ आप दुनिया के सारे गम भूल कर कुछ देर खुद को अलग दुनिया में महसूस कर सकें।


फ्रेंडशिप डे मनाने का इतिहास


स्वतंत्रता दिवस, मातृ दिवस व वेलेनटाइन डे की तरह फ्रेंडशिप डे भी पूरे विश्व में उतने ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। हॉलमार्क के स्थापक जोयस हॉल ने इस दिन की रचना की थी। सन् 1958 के 30 जुलाई को औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय फ्रेंडशिप डे की घोषणा की गई थी। बताया जाता है कि डाक्टर अर्टरमिओ ने अपने दोस्त ब्राचो के साथ पैरागुए नदी के पास रात्रि भोजन किया था। पहली बार पैरागुए में ही इस दिन को मनाया गया था। दक्षिण अमेरिकी देशों में सबसे पहले इस दिन को उत्सव के रूप में मनाने की शुरुआत हुई थी।


इसके बाद भारत में भी फ्रेंडशिप डे बड़े ही चाव से मनाया जाने लगा। भारत में अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है, लेकिन दक्षिण अमेरिकी देशों में जुलाई महीने को काफी पावन माना जाता है, इसलिए जुलाई के अंत में ही इस दिन को मनाया जाता है। बांग्लादेश व मलेशिया में डिजिटल कम्यूनिकेशंस के तहत यह दिन ज्यादा चर्चित हो गया है। इस दिन को मनाने की असली तारीख वर्ष 1919 में है। यूनाइटेड नेशंस ने भी इस दिन पर अपनी मुहर लगा दी थी।


जिंदगी की हर राह पर दोस्त


जिंदगी की ऐसी कोई राह नहीं है जहां आपको दोस्त ना मिलें। यह दोस्त कोई लड़का या कोई लड़की भी हो सकती है. स्कूल, कॉलेज, कॉलोनी, बस, ट्रेन, मेट्रो हर जगह आपके लिए दोस्त ही दोस्त हैं बस जरूरत है तो इनमें से सही शख्स की पहचान और सही दोस्त का चुनाव करना जो बहुत ज्यादा जरूरी है। दोस्ती के संदर्भ में बहुत कुछ कहा और सुना जाता है, लेकिन कुछ बातें जिन पर अमल कर आप अपनी दोस्ती को जीवनभर सहेज सकते हैं।


संख्या महत्व नहीं रखती


यदि आप बहुत ज्यादा सामाजिक हैं तो संभव है कि आपका परिचय तमाम लोगों से होगा। ऐसे में आप यह मुगालता पाल सकती हैं कि मेरी इतनी सहेलियां हैं, जो आड़े वक्त में मेरे काम आएंगी, पर हकीकत में ऐसा नहीं होता है। अनेक अवसरों पर तमाम लोगों से आपकी हलो-हाय होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे सभी जरूरत में आपके काम आएं। सहेलियों के बारे में संख्या का महत्व नहीं, बल्कि आपके प्रति उनकी निष्ठा व प्रेम से होता है। अंग्रेजी की एक कहावत है ए फ्रेंड ऑफ एवरीबडी इज ए फ्रेंड ऑफ नोबडी अर्थात जो सभी का दोस्त होने का दावा करता है, वह किसी का दोस्त नहीं होता।


भावनाओं का सम्मान


आपसी सम्मान, एक-दूसरे के प्रति वफादारी.. इन बातों को दोस्ती का पर्याय माना जाता है। अपनी सहेली या दोस्त की भावनाओं का सम्मान करें। उसकी पसंद या नापसंद का ख्याल करें। यह समझें कि आपकी सहेली केवल आपकी ही नहीं है, उसका अपना एक अलग अस्तित्व है, जिसका आपको सम्मान करना है।


अप्रिय शब्दों का न करें प्रयोग


कभी-कभी अंतरंग सहेलियां या दोस्त आपस में अप्रिय शब्दों का प्रयोग करने लगते हैं। वे यह भूल जाते हैं कि ऐसे शब्द किसी को अप्रिय लग सकते हैं। इसलिए भूलकर भी कभी किसी के लिए अप्रिय शब्दों का प्रयोग न करें। साथ ही किसी के सामने अपने दोस्त का उपहास न उड़ाएं।


स्वयं पहल करें


आज की आपाधापी भरी जिंदगी में आप यह दलील दे सकती हैं कि क्या करें काम से फुर्सत ही नहीं मिलती। ऐसे में सहेलियों और दोस्तों से मुलाकात कैसे संभव है। रिलेशनशिप एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि आप इस बात का इंतजार न करें कि दूसरे जब आपसे मिलने की पहल नहीं करते तो फिर मैं क्यों करूं। अगर आप अपनी सहेली से मिलने की पहल करेंगी तो इससे आपका बड़प्पन कम नहीं होगा, बल्कि बढ़ेगा ही। जब भी मौका मिले आप अपने दोस्तों को चाय-कॉफी पीने या लंच-डिनर पर आमंत्रित कर सकती हैं। दस-पंद्रह दिन में एक बार फोन पर बात कर सकती हैं या ऑनलाइन चैट कर सकती हैं।


साथ बिताएं समय


एक रिसर्च के अनुसार सहेलियों और दोस्तों के साथ वक्त बिताने से उदासी या डिप्रेशन की शिकायत नहीं होती। विशेषज्ञों के अनुसार दोस्तों के साथ वक्त बिताने से मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्तर पर राहत मिलती है।


वायदा जरूर निभाएं

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कोई भी रिश्ता प्रेम और विश्वास पर आधारित होता है। यह बात दोस्ती के संदर्भ में भी लागू होती है। आप अपने कॅरियर और परिवार के प्रति प्रतिबद्ध रहें, पर यदि आप किसी सहेली या दोस्त से किसी तरह कोई वायदा करती हैं तो उसे निभाने की कोशिश जरूर करें। उदाहरण के लिए आपने किसी सहेली के साथ पिकनिक या पिक्चर जाने का वायदा किया है तो उसे अपनी और सहेली की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पूरा अवश्य करें।


पैसों को बीच में न लाएं


दोस्ती को बरकरार रखने का एक महत्वपूर्ण उपाय है पैसों का लेन-देन न करना यानी अपनी सहेलियों से न उधार लें और न ही दें। पैसों का लेन-देन करने पर दोस्ती खतरे में पड़ने का जोखिम रहता है। इसलिए जब तक बहुत जरूरत न हो पैसा उधार न मांगें।


अपनी बात खुलकर कहें


कई बार आपसी रिश्तों में केवल इसलिए खटास आ जाती हैं, क्योंकि हम यह सोचने लगते हैं कि हमारी सहेलियों या दोस्तों ने हमारे मन की बात नहीं समझी। ऐसे में यह समझने का प्रयास करना चाहिए कि दोस्त इंसान ही हैं, कोई अदृश्य शक्ति नहीं, जो आपके मन की बातों को अपने आप समझ लेंगे। हर कोई आपके मन की बात को नहीं समझ सकता, जब तक कि आप उसे बताएंगी नहीं। इसलिए अपनी बात को नि:संकोच बताएं। हालांकि एक बात जरूर याद रखें कि हर बात के लिए दोस्तों को परेशान न करें।

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फ्रेंडशिप डे का महत्व


इस दिन दोस्त एक दूसरे को गिफ्टस, कार्ड देते है। एक-दूसरे को फ्रेंडशिप बैंड बांधते है। दोस्तों के साथ पूरा दिन बीता कर अपनी दोस्ती को आगे तक ले जाने व किसी भी मुसीबत में एक दूसरे का साथ देने का वादा करते हैं। हालांकि जिनके पास गिफ्टस व कार्ड देने की क्षमता नहीं है, वह अपने प्यार के एहसास से ही दोस्त को दोस्ती का महत्व समझा देते हैं। पहले इस दिन को कुछ चुनिंदा देशों में कुछ चुनिंदा लोगों में ही मनाने का दस्तूर था, लेकिन इन दिनों सोशल नेटवर्किग साइट्स की बढ़ते पायदान की वजह से लोगों में यह दिन काफी चर्चित हो गया है।

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