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UP: टिक-टिक! SIR के आखिरी 7 दिन; इन 12 दस्तावेजों में से अगर 1 भी है तो भी बन जाएगा काम, देखें लिस्ट

SIR Update: यूपी में SIR के आखिरी 7 दिन बचे हैं। राज्य में पिछली बार SIR प्रक्रिया 2003 में हुई थी। इसी आधार को इस बार की प्रक्रिया में संदर्भ के रूप में लिया गया है।

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लखनऊ

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Harshul Mehra

Nov 28, 2025

SIR In CG (फोटो सोर्स- पत्रिका न्यूज)

SIR In CG (फोटो सोर्स- पत्रिका न्यूज)

SIR Update: उत्तर प्रदेश में SIR प्रकिया के आखिरी 7 दिन बचे हैं। 4 नवंबर से SIR प्रक्रिया शुरू हुई थी। जिसकी अंतिम तारीख 4 दिसंबर है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के लॉन्च के बाद से 6 करोड़ 40 लाख 1 हजार 71 (41.44%) एन्यूमरेशन फॉर्म डिजिटाइज कर दिए हैं।

फर्जी या डुप्लीकेट नामों को हटाना उद्देश्य

उत्तर प्रदेश में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 22 सालों बाद एक बड़ा कदम उठाते हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision–SIR) अभियान शुरू किया। इस अभियान का लक्ष्य मतदाता सूची को पूरी तरह शुद्ध करना और फर्जी या डुप्लीकेट नामों को हटाना है।

48% मतदाताओं के नाम सीधे सत्यापित

इस बार आयोग ने प्रक्रिया को आसान बनाते हुए यह व्यवस्था की है कि करीब 70 फीसदी मतदाताओं को कोई दस्तावेज जमा नहीं करना पड़ेगा। इनमें से लगभग 48% मतदाताओं के नाम सीधे सत्यापित हो चुके हैं। बाकी मतदाताओं के नाम उनके माता-पिता या परिवार की डिटेल के आधार पर मिलान कर प्रमाणित किए जाएंगे।

यूपी में 15.44 करोड़ से ज्यादा वोटर्स

ECI डेटा के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 15.44 करोड़ (154.4 मिलियन) से ज्यादा वोटर्स हैं। गौर करने वाली बात यह है कि राज्य में पिछली बार SIR वर्ष 2003 में हुआ था, और इसी आधार को इस बार की प्रक्रिया में संदर्भ के रूप में लिया गया है।

BLO App पर देख सकते हैं जानकारी

भारत निर्वाचन आयोग ने साल 2003 में हुए अंतिम SIR की वोटर लिस्ट से वर्तमान लिस्ट से मिलान किया है। इस तुलनात्मक जांच में यह सामने आया कि लगभग 48% वोटर्स के नाम दोनों लिस्ट में मौजूद हैं। ऐसे मतदाताओं या उनके माता-पिता के नाम पहले से वोटर लिस्ट में होने पर उन्हें किसी पहचान पत्र या निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। BLO App पर यह जानकारी साफ दिखाई देगी। जिन मतदाताओं के नाम पहले से दर्ज हैं, वे हरे रंग से मार्क होकर दिखेंगे। ऐसे मतदाताओं को सिर्फ अपनी पुरानी डिटेल्स को बताना होगा।

करीब 30% मतदाताओं को अब दस्तावेज दिखाने अनिवार्य

प्रदेश के लगभग 30% मतदाताओं को अब दस्तावेज दिखाने अनिवार्य होंगे। ये वे मतदाता हैं जिनके नाम पहली बार शामिल किए जाने हैं, जिनका नाम किसी दूसरे क्षेत्र में दर्ज है, या जिनकी सूचनाओं में संशोधन होना है। ऐसे मतदाताओं को अपनी पहचान साबित करने के लिए 12 मान्य दस्तावेजों में से किसी एक को देना जरूरी होगा।

वहीं, सरकारी कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त राहत दी गई है। यदि वे अपने विभागीय पहचान पत्र या सेवा प्रमाण पत्र से अपनी पहचान साबित कर सकते हैं, तो उन्हें किसी अन्य पहचान या निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।

चुनाव आयोग ने किन दस्तावेजों को बताया मान्य

-पासपोर्ट

-आधार कार्ड

-ड्राइविंग लाइसेंस

-बिजली, पानी या टेलीफोन (लैंडलाइन/मोबाइल) बिल

-पैन कार्ड

-किराया अनुबंध

-सरकारी/अर्ध-सरकारी कार्यालय का पहचान पत्र

-शिक्षण संस्थान का छात्र पहचान पत्र

-गैस कनेक्शन की रसीद या बुक

-बैंक/डाकघर की पासबुक, जिसमें पता अंकित हो

-राशन कार्ड

-सरकारी विभाग की ओर से जारी आवास आवंटन पत्र/आवास प्रमाण

SIR अभियान 4 दिसंबर तक चलेगा। जिसमें नए मतदाता फॉर्म ऑनलाइन या BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) के पास जमा कर सकते हैं। इस अभियान के तहत, मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या सुधार करने के लिए फॉर्म 6, 7, 8, और 8A भरा जा सकता है।