दरअसल, कानपुर में टेनरियों द्वारा रोक के बावजूद ज्यादातर टेनरियां गुपचुप तरीके से क्रोमियम वेस्ट गंगा में बहा रही हैं। टेनरी वेस्ट के लिए लगाए गए नौ एमएलडी ट्रीटमेंट प्लांट में अधिक गंदगी जा रही है। आदेश के बावजूद ज्यादातर टेनरी संचालकों ने कैमरे ही नहीं लगवाए। प्रशासन ने भी लाख जतन किए पर कोई फायदा नहीं हुआ। एनजीटी के सामने मामला पहुंचा तो हाईटेक कैमरे लगाने के निर्देश देने पड़े। इससे टेनरियों पर पल-पल की निगरानी की जा सकेगी। यहां से भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट में 90 फीसदी टेनरियों में कैमरा न लगा होने की पुष्टि की गई है। जिस पर शासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी कड़ा रुख अपना लिया है। जल्द ही टेनरी एसोसिएशन के साथ बैठक करके हर तरह की जानकारी से रूबरू कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अजय कुमार शर्मा के निर्देश पर पुलिस कमिश्नर और डीएम टेनरी संचालकों से बात करेंगे। बता दें कि पिछले दिनों 57 टेनरी बंद भी हो गई।
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खबरदार! अगर लगाया अवैध स्टैंड, सीधे घर पहुंचेगा बुलडोजर, सीएम योगी का बड़ा ऐलान स्वच्छता के लिए लखनऊ की टीम की नजर कैमरों के जरिए टेनरियों में होने वाली सात प्रक्रियाओं की निगरानी की जाएगी। इसमें सोकिंग, लाइमिंग, डिलाइमिंग, पिंकलिंग, टैनिग, फैट लिकरिंग और डाइंग की निगरानी की जाएगी। इसलिए सभी को अच्छी क्वालिटी का कैमरा लगवाना है। मॉनीटरिंग कानपुर के साथ लखनऊ से से की जाएगी।
टेनरी संचालकों को लगाना होगा कैमरा जाजमऊ में नौ एमएमडी का ट्रीटमेंट प्लांट लगा है, इसके बावजूद क्रोमियम युक्त कचरा जाने की वजह से काफी तादाद में गंदगी और क्रोमियम वेस्ट गंगा में जा रहा है। डीएम नेहा शर्मा ने कहा कि आदेश आया है। संचालकों को कैमरे लगाने की जानकारी दे दी गई है। सभी को अच्छी क्वालिटी के कैमरे लगाने हैं। मॉनीटरिंग लगातार हो रही है। संचालक कैमरा नहीं लगवाएंगे तो कार्रवाई की जाएगी।