8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब चुनावी सीजन की तरह होगा स्वच्छता ऐप का प्रचार, शहर को चाहिए आपका साथ

स्वच्छ भारत मिशन के मानकों के अनुसार 30 लाख की जनसँख्या वाले शहर में 61 हज़ार ऐप डाउनलोड होनी चाहिए।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Dikshant Sharma

Oct 09, 2017

lucknow nagar nigam

swachhta app

लखनऊ। शहर को स्वच्छता रैंकिंग में अव्वल लाने के मैराथन बैठकों का दौर जारी है। केंद्र सरकार की ओर जारी आदेशों में स्पष्ट किया जा चुका है कि इस बार स्वच्छता रैंकिंग के लिए मार्च 2017 से लेकर नवंबर 2017 तक स्वच्छता ऐप पर आयी समस्याओं के निवारण के आधार पर स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में अंक दिए जाएंगे। मौजूदा समय में निगम के अधिकारी और सेनेटरी इंस्पेक्टर इस ऐप का प्रयोग नहीं कर रहे हैं लेकिन अब बैठक कर सभी कर्मचारियों को ऐप डाउनलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही उनको ऐप डाउनलोड करवाने का टारगेट भी दिया गया।

टेक्नोलॉजी के सहारे होगा प्रचार प्रसार
स्वच्छता ऐप के प्रचार के लिए टेक्नोलॉजी का भी भरपूर सहयोग लिया जा रहा है। नगर निगम ने इस सम्बन्ध में स्पेशल स्टीकर और बैनर छपवाएं हैं। खास बात ये है कि बैनर पर क्यूआर कोड दिया गया है। इस कोड को अपने मोबाइल से स्कैन करने पर सीधा स्वच्छता ऐप का लिंक खुल जाएगा और डाउनलोड कर सकेंगे। ये कोड एंड्राइड और आईफोन दोनों के लिए ही उपलब्ध है।

चुनाव की तरह होगा स्वच्छता ऐप का प्रचार
चुनावी सीजन में जिस तरह गाड़ियों पर बैनर चिपके नज़र आते हैं ऐसे ही बैनर अब स्वच्छता ऐप के लिए भी नज़र आएंगे। निगम अधिकारी अपनी सभी सरकारी गाड़ियों पर स्वच्छता ऐप के ये बैनर चिपकाएंगे। इन बैनर पर क्यूआर कोड के साथ स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में लखनऊ को नंबर 1 बनाने का संकल्प लेने की बात कही गयी है। इसके अलावा दो बाई दो फिट के पोस्टर घर घर से कूड़ा इखट्टा कर रहे इ रिक्शों से पर चिपकाए जाएंगे।

सोशल मीडिया का भी लेंगे सहारा
स्वच्छता ऐप को अधिक से अधिक डाउनलोड कराने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा। फेसबुक और ट्विटर पर इसके लिए पेज बनाया जा रहा है जिसके बाद ज़रुरत पड़ने पर इसे बूस्ट भी किया जाएगा।

मौजूदा समय में सिर्फ 1 हज़ार डाउनलोड
स्वच्छता ऐप डावनलोड की संख्या फिलहाल राजधानी में बहुत कम है। अभी तक कुल 1 हज़ार ऐप ही डाउनलोड की जा सकी हैं। स्वच्छ भारत मिशन के मानकों के अनुसार 30 लाख की जनसँख्या वाले शहर में ये संख्या लगभग 61 हज़ार होनी चाहिए।

दो महीने में 61 हज़ार ऐप डाउनलोड
नगर निगम ऐसा इसलिए भी करा रहा है क्यूंकि 61 हज़ार या उससे अधिक की संख्या होने पर स्वछता सर्वेक्षण में शहर को 150 अंक मिलेंगे। अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव ने कहा कि जनता की भागीदारी आवश्यक है। वे स्वछता ऐप को डाउनलोड करें और उसका इस्तेमाल भी करें। हमारी ओर से पूरे प्रयास किये जा रहे हैं कि राजधानी स्वछता के मामले में बेहतरीन प्रदर्शन करे।