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यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख के पदों के लिए जोड़-तोड़ शुरू, सदस्यों से संपर्क कर रहे बाहुबली यशभद्र सिंह मोनू गिरफ्तार

UP Panchayat Election Results के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख चुनाव पर पार्टियों का फोकस

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लखनऊ

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Hariom Dwivedi

May 09, 2021

zila panchayat adhyaksh and block pramukh

समर्थकों के साथ जिला पंचायत सदस्यों को लामबंद करने में जुटे बाहुबली यशभद्र सिंह मोनू को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ/सुलतानपुर. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजों (UP Panchayat Election Results 2021) के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। सभी राजनीतिक दल जातीय व क्षेत्रीय समीकरण साधने की कवायद में जुटे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष (Zila Panchayat Adhyaksh) और ब्लॉक प्रमुख जिस पार्टी के अधिक होंगे, ग्रामीण सियासत में दबदबा भी उसी दल का माना जाता है। जोड़-तोड़ वाले इस चुनाव में धनबल और बाहुबल भी समीकरण बनाते बिगाड़ते हैं। शनिवार की रात सुलतानपुर पुलिस ने बाहुबली यशभद्र सिंह मोनू को समर्थकों संग गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक, वह जीते हुए जिला पंचायत सदस्यों से संपर्क कर रहे थे। मोनू सिंह की बहन अर्चना सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रबल दावेदार हैं।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) में नवनिर्वाचित 3050 जिला पंचायत सदस्य 75 जिला पंचायत अध्यक्ष और 75,845 क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) 826 ब्लॉक प्रमुख चुनेंगे। हाल ही में संपन्न हुए जिला पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी को 747 सीट, भारतीय जनता पार्टी को 666 सीट, बहुजन समाज पार्टी को 322 सीट और कांग्रेस को 77 सीटों पर जीत मिली है। आम आदमी पार्टी ने 64 सीटें मिली हैं जबकि निर्दलीय सहित अन्य को 1174 सीटों पर जीत मिली है। जिला पंचायत अध्यक्ष व क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष पदों के चुनाव इसी महीने प्रस्तावित हैं, लेकिन गांवों में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते उन्हें आगे बढ़ाया जा सकता है।

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खूब चलते हैं पैसे!
सुलतानपुर के पत्रिका संवाददाता से बातचीत में नाम न छापने की शर्त पर लोगों ने कहा कि पिछली बार भी जिला पंचायत अध्यक्षी के चुनाव में खूब पैसा चला था, इस बार भी चलेगा। वह बताते हैं कि जिला पंचायत सदस्य के एक-एक वोट के बदले 50 लाख से एक करोड़ तक की राशि दी जाती है। मेरठ, उन्नाव, कानपुर देहात, कन्नौज, भदोही और जौनपुर के लोगों ने भी बताया कि जिला पंचायत अध्यक्षी में धनबल और बाहुबल दोनों का इस्तेमाल होता है। हालांकि, सख्त चुनाव आयोग का दावा है कि जिला पंचायत अध्यक्षों व ब्लॉक प्रमुखों का निर्वाचन लोकतांत्रिक तरीके से ही होगा।

60 जिलों में निर्दलीय ही बनेंगे किंगमेकर
भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों का ही दावा है कि सबसे ज्यादा उनके ही जिलाध्यक्ष/ब्लॉक प्रमुख जीतेंगे। लेकिन यह इतना आसान नहीं है, क्योंकि इस बार जिलों में सत्ता की चाबी निर्दलीयों के पास ही है और वह ही किंग मेकर हैं। प्रदेश के करीब 60 जिले ऐसे हैं जहां निर्दलीय ही जिला पंचायत अध्यक्ष बनाएंगे। ऐसे में धनाढ्य उम्मीदवार तलाशे जा रहे हैं ताकि निर्दलीयों को हर तरह से साधकर अपने पाले में लाया जा सके। मतलब साफ है जो निर्दलीयों को साधने में कामयाब रहेगा, जिले की सत्ता उसी दल के पास होगी।


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