
long hair
लखनऊ . हमने बचपन से देखा व सुना है कि देश के साधु - संत लम्बी - लम्बी जटाओं के साथ नजर आते है । क्या आप जानते है इन लंबे बालों का राज ? रामायण के लेखक वाल्मिकी , सुप्रसिध्द राष्ट्रयपति व वैज्ञानिक अब्दुल कलाम या फिर राष्ट्रगान के रचयिता रविन्द्र नाथ टैगोर हो इन सभी के बाल लंबे व घने होते है । अगर गौर करे तो देश से बाहर विदेशो में भी ऐसे कई वैज्ञानिक है जिनके बाल लंबे है चाहे वह न्यूटन हों या आइंस्टिन और यह विश्व प्रसिध्द वैज्ञानिक भी है जिन्होंने देश - विदेश को गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धांत की खोज की व द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc2 के जैसे अन्य सुत्र दिये ।
प्राचीन ग्रीस में लंबे बाल संपन्नता और शक्ति का प्रतिक
इस बात में कोई शक नहीं कि बाल सिर्फ सौंर्दय का ही प्रतीक नहीं है , यह और भी बहुुुुत कुछ कहता है । यह किसी न किसी रुप में व्यक्ति की प्रकृति , सोच , बुध्दि और यहां तक की बल के प्रभावित करता है । शरीर में बालो के निर्माण की प्रक्रिया तो एक ही है लेकिन इसकी विशेषताएं भौगोलिक और पर्यावरणीय स्थितियों के अनुसार बदलती रहती है । इससे जुड़ी अनेक प्राचीन कहानियां भी है जैसे कि प्राचीन ग्रीस में लंबे बालों को संपन्नता और शक्ति का प्रतिक माना जाता था । वैज्ञानिक भी इस बात कि पुष्टि कर चुके हैं कि लंबे बाल उत्पादकता व यौवन की निशानी है ।
वैज्ञानिक तौर पर नहीं की गई पुष्टि
बालों के विशेषज्ञ डॉक्टर गीता सिंह कहती हैं कि " सिर के बाल जब अपनी पूर्ण और परिपक्व लंबाई के होते हैं , तो वह प्राकृतिक रुप से फॉस्फोरस , कैल्शियम और विटामिन डी प्राप्त करते हैं , जो अंतत: मस्तिष्क के शीर्ष पर दो नलिकाओं के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं । यह आयनिक परिवर्तन स्मृति को और अधिक कुशल बनाता है और इससे शारीरिक ऊर्जा , बेहतर को इकट्ठा कर मस्तिष्क में पहुंचाते हैं ।
ऊर्जा इकट्ठा करने का सर्वोत्तम माध्यम है लंबे बाल
ऐसा माना जाता है कि आपके सिर के बाल एंटीना की तरह कार्य करते हैं , जो ब्रह्मांड से ऊर्जा इकट्ठा करते हैं ताकि चेतना और रचनात्मकता के उच्च स्तर को प्रोत्साहित काया जा सके । बाल आपके शरीर के पूरे विधुत चुम्बकीय क्षेत्र को संतुलित करते हैं , जिससे आपको अपनी जीवन शक्ति और अंतज्ञान बढ़ाने में मदद मिलती है ।
Published on:
22 Jul 2018 02:44 pm
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