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भगवान शिव एक माह के लिए घी की गुफा में होंगे अंतरध्यान, अनूठी परंपरा के साक्षी बनेंगे भक्त

Unique Tradition:भगवान शिव मकर संक्रांति पर कल एक माह के लिए घी की गुफा में अंतरध्यान हो जाएंगे। करीब दो कुंतल से अधिक शुद्ध घी की पारंपरिक विधि से गुफा तैयार की जाएगी। एक माह बाद भगवान फाल्गुन मास के प्रथम गते को घी की गुफा से बाहर आएंगे।

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लखनऊ

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Naveen Bhatt

Jan 13, 2025

In Jageshwar Dham, Lord Shiva will meditate in the Ghrit Lotus cave from tomorrow

मकर संक्रांति पर कल जागेश्वर बाबा एक माह के लिए घी की गुफा में साधनारत हो जाएंगे

Unique Tradition:मकर संक्रांति पर मंगलवार को उत्तराखंड के एतिहासिक जागेश्वर धाम में विशेष अनुष्ठान संपन्न कराया जाएगा। शिव नगरी जागेश्वर धाम में ये परंपरा सदियों से चली आ रही है। प्राचीन परंपराओं के अनुसार हर साल मकर संक्रांति पर भगवान ज्योतिर्लिंग जागेश्वर महाराज एक माह के लिए घृत कमल की गुफा में साधनारत हो जाते हैं। इसके लिए इसके लिए डेढ़-दो कुंतल घी से भगवान की गुफा तैयार करने का प्रावधान है। घी का प्रबंध जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति, श्रद्धालु, ग्रामीण और पुजारियों के माध्यम से किया जाता है। जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के पुजारी प्रतिनिधि पंडित नवीन चंद्र भट्ट ने बताया कि जागेश्वर बाबा के लिए घी की गुफा शुद्ध पहाड़ी घी से ही तैयार की जाती है। कल सुबह करीब नौ बजे से जागेश्वर मंदिर प्रांगण में घृत कमल निर्माण की तैयारी शुरू की जाएगी। अब तक घृत कमल निर्माण के लिए एक कुंतल से अधिक घी इस धाम में पहुंच चुका है। कल सुबह तक दो कुंतल से अधिक घी पहुंचने की संभावना है। बड़ी तादात में श्रद्धालु इस अनूठी परंपरा के साक्षी बनेंगे।

ऐसे तैयार किया जाता है घृत कमल

जागेश्वर धाम में मंदिर समिति, श्रद्धालुओं को पुजारियों की ओर से घृत कमल के लिए दिए गए घी को 14 जनवरी की सुबह ज्योतिर्लिंग के प्रांगण में एकत्र किया जाएगा। उसके बाद उस घी को बड़े-बड़े भगौनों में डालकर खौलाया जाएगा। उसके बाद खौले हुए घी को ठंडे पानी से धोया जाएगा। ये प्रक्रिया करीब तीन बार अपनाई जाएगी। उसके बाद जटागंगा ले जाकर भगोनों में रखे घी को फिर धोया जाएगा। जटागंगा का पानी बेहद ठंडा होने के कारण घी तत्काल जम जाता है। उस जमे और धुले हुए घी को पुजारी घृत कमल का रूप देते हैं। उस घृत कमल के भीतर भगवान ज्योतिर्लिंग को विराजमान किया जाएगा। उसके बाद फाल्गुन एक गते को भगवान शिव घृत कमल की गुफा से बाहर आएंगे।

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