
विधायक डा. नीरज बोरा ने भारतीय संस्कृति में पितरों की महत्ता पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने ऐसे आयोजनों को सांस्कृतिक पुनरुत्थान की दिशा में सार्थक पहल बताया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ गृहमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में आये वरिष्ठ समाजसेवी नीरज सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्रा, वाईडी शुक्ल, अमित जायसवाल, जीवेन्द्र नाथ कौल आदि अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने कहा कि माता-पिता और बुजुर्गों का जो सम्मान भारतीय संस्कृति में है वह दुनिया में अन्यत्र कहीं नहीं है। औरंगजेब ने जब अपने पिता शाहजहां को किले में कैद कर खाने-पीने पर भी प्रतिबंध लगा दिया तो शाहजहां ने कहा था कि तुमसे अच्छे हिन्दुस्तानी हैं जो अपने मरे हुये पुरखों को भी पानी पिलाते हैं।

इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी नीरज सिंह ने कहा कि माता-पिता की परिभाषा आज तक कोई नहीं बता सका। भगवान श्री गणेश की चर्चा करते हुये कहा कि उन्होंने पूरे संसार का चक्कर न लगाकर केवल अपने माता-पिता की परिक्रमा कर प्रथम पूज्य बने। उन्होंने माता-पिता का समुचित सम्मान करने के लिये युवाओं से अपील की।

विधायक डा. नीरज बोरा ने कहा कि रोजीरोजगार की संभावना तलाशते युवाओं की भारी संख्या अपना घर छोडकर बाहर चली जाती है। सरकार ने ऐसी योजना बनायी है कि नवजवानों को रोजगार दिया जाये और वे अपने घर पर माता-पिता की सेवा करते हुये आजीविका कमा सकें। उन्होंने अपने पिता के संघर्षों की याद दिलाते हुये कहा कि डीपी बोरा जी ने आजीवन जनता की मूलभूत सुविधाओं के लिये संघर्ष किया तथा लखनऊ की पेयजल व्यस्था में सुधार के लिये गोमती नगर वाटर वर्क्स की स्थापना करवायी। स्व. बोरा जी ने न केवल गोमती नदी में मछुआरों को निःशुल्क मछली पकडने का शासनादेश करवाया बल्कि हजारों बेघरों को दर्जनों कालोनियां बसाकर आवास दिलाने का काम किया।

खचाखच भरे सभागार में सैकड़ों की संख्या में आये वरिष्ठ मातृ-पितृ का पूजन व सम्मान किया गया। बोरा वोकेशनल एण्ड चैरिटेबल फाउण्डेशन की अध्यक्ष बिन्दु बोरा ने डीपी बोरा जी की स्मृति को चिरस्थायी बनाने की दिशा में फाउण्डेशन द्वारा कराये जा रहे कार्यों की चर्चा करते हुये बताया कि इस वर्ष से लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा बाबू जी के नाम पर मेधावी छात्रों को मेडल दिये जाने का शुभारम्भ हो रहा है तथा अन्य कार्य भी कराये जा रहे हैं।

इस अवसर पर गोसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता, डा. विवेक सिंह तोमर, दिनेश पाठक, पृथ्वी गुप्ता, राघव राम तिवारी, प्रदीप शुक्ला, रुपाली गुप्ता, रन्नो लोधी, दीपक मिश्रा, कुशाग्र वर्मा, एसके गोपाल, लवकुश त्रिवेदी, अवधेश कुमार, रणजीत सिंह, सतीश वर्मा, दशरथ महतो, अमित मौर्या, किशोर प्रजापति, रजनीश छिब्बर, रामशरण सिंह, अतुल अग्रवाल, अनूप सिंह, सपना बरुआ, पुत्तन अली, जादूगर सुरेश दादा आदि मुख्यरुप से मौजूद रहे।