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चूक हुई तो…लखनऊ से आगरा एक्सप्रेस-वे पर 585 की जगह चुकाने पड़ेंगे 1170 रुपए, कार मालिक हो जाएं सावधान

टोल प्लाजा पर जरा सी चूक से रोजाना दर्जनों लोगों की जेबें ढीली हो रही हैं...

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लखनऊ

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Nitin Srivastva

Jan 16, 2020

सहारनपुर पुलिस

कार

लखनऊ. राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल क्लेशन के लिए फास्टैग (Fastag) अनिवार्य हो गया है। इसके बाद टाेल टैक्स पर कैश की सिर्फ एक-एक लेन ही रह गई है। ऐसे में अगर नेशनल हाईवे से गुजरने वाली आपकी कार पर अब तक फास्टैग नहीं लगा है तो आपको दोगुना जुर्माना चुकाना पड़ सकता है। टोल प्लाजा पर अंजान वाहन चालक उस समय फंसता है जब फास्ट टैग न होने के बावजूद उस लेन में घुस जाता है। वाहन चालक गाड़ी मोड़ने की बात कहता है मगर टोलकर्मी नियमों का हवाला देकर दोगुना टैक्स वसूल लेते हैं। जरा सी चूक से रोजाना दर्जनों लोगों की जेबें ढीली हो रही हैं। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे की अगर बात करें तो इसपर एक तरफ का टोल 585 रुपए है। लेकिन अगर बिना फास्टैग लगा वाहन लेकर उस लेन में घुस गए तो आपको दो गुना जुर्माना यानी कि 1170 रुपए चुकाने पड़ेंगे।

अभी भी कई टोल प्लाजा पर अभी भी देखा जा रहा है कि फास्ट टैग जिनके बने हैं वह भी परेशान और जिनके नहीं बने उन्हें लम्बी कतार का कष्ट झेलना पड़ रहा है। कुल मिलाकर राष्ट्रीय राजमार्ग की राह लोगों की आसान नहीं है। टोल प्लाजा पर रोजाना की नोक झोंक बढ़ती जा रही है। तो कई वाहनों को दोगुना जुर्माना भी भरना पड़ रहा है।

कैश लेन में लगती लम्बी कतार

राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जनपद की बात करें तो यहां से होकर तीन राष्ट्रीय राजमार्ग निकलते हैं, जिसमें हैदरगढ़ में टोल प्लाजा, अहमदपुर टोल प्लाजा, मसौली टोल प्लाजा है। इन टोल प्लाजा में फास्ट टैग सिस्टम लागू होने के बाद कुछ दिनों तक तो कैश जमा करने वालों की दो-दो लेन खुली थीं मगर मौजूदा समय में सिर्फ एक लैन ही कैश के लिए खोली गई हैं। ऐसे में जिन वाहनों में फास्ट टैग नहीं लगा है उनकी लम्बी कतार कैश लेन में हमेशा रहती है। सुबह व शाम यह कतार कई किलोमीटर लम्बी दिखाई देती है। इसे लेकर वाहन सवार लोग रोजाना काफी परेशानियों का भी सामना करते हैं।

रोज होता रहता है विवाद

फास्ट टैग वाली लेन पर भी समस्याएं कम नहीं हैं। यहां भी अक्सर विवाद होता है। कभी तभी तो काउंटर पर कहा जाता है कि फास्ट टैग में बैलेंस नहीं है और वाहन चालक बैलेंस होने की बात कहते हैं। जिसके बाद कभी-कभी विवाद इस कदर बढ़ जाता है कि मामला मारपीट और थाने तक पहुंच जाता है।

सर्वर होता डाउन, नहीं स्कैन हो पाए फास्टैग

टोल प्लाजा पर फास्टैग की सुविधा शुरू करने का मेन मकसद यह था कि टोल पर वाहन बिना रूके आगे जा सकें, जिससे लोगों का समय भी बचेगा और जाम भी न लगे। लेकिन इसके बावजूद नये फास्टैग लगे वाहन जब टोल पर बैरियर के पास पहुंचते हैं, तो वहां पर टोल का सर्वर डाऊन होने के कारण कभी-कभी फास्टैग को स्कैन नहीं हो पाता। नतीजतन उसे मैनुअल मशीन से स्कैन करके वाहन को आगे निकाला जाता है। इस कारण भी वाहनों की लम्बी कतारें लगती हैं।

65 टोल प्लाजा पर फास्टैग में ढील

हीं परिवहन मंत्रालय ने बिना फास्टैग के हाईवे पर वाहन दौड़ा रहे लोगों को फास्टैग बनवाने के लिए 30 दिन का समय और दिया गया है। एनएचएआई के देशभर में स्थित अति व्यस्त 65 टोल प्लाजा पर दोनों तरफ से दो-दो लेन पर कैश काउंटर 14 फरवरी तक चलते रहेंगे। इन टोल प्लाजा में पांच यूपी के भी शामिल हैं। यहां कैश लेन से फास्टैग वाले वाहन भी चलते रहेंगे।