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लखनऊ

यूपी के छात्रों को पढ़ना होगा योगी का हठयोग, रामदेव की कपालभाती

– राष्ट्रीय शिक्षा नीति- चौ. चरण सिंह विवि मेरठ के बीए के कोर्स में शामिल- मेरठ के दंगों में शहर छोडऩे वाले बशीर बद्र को भी मिला सम्मान

लखनऊJun 04, 2021 / 05:06 pm

Mahendra Pratap

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महेंद्र प्रताप सिंह

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. Ch. Charan Singh University Meerut BA course Yogi Hatha Yoga Ramdev Kapalbhati यूपी के छात्रों को अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हठयोग और स्वामी रामदेव की कपालभाती पढऩी होगी। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के दर्शनशास्त्र के अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम में इन दोनों शख्सियतों की किताबों को शामिल किया गया है। ऐसा उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश पर किया गया है। चौधरी चरण सिंह विवि के बाद प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी योगी आदित्यनाथ से जुड़े अध्याय शामिल करने की होड़ मच गयी है।
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सत्र 2021-22 के लिए विवि के बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में निर्णय लिया गया कि बीए के छात्रों को दर्शनशास्त्र के पाठ्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हठयोग और बाबा रामदेव की योग साधना एवं योग चिकित्सा रहस्य पुस्तक शामिल किया जाए। योग चिकित्सा रहस्य पुस्तक बीमारियों से लडऩे में योग के महत्व को बताती है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की किताब हठयोग: स्वरूप एवं साधना भी योग पर आधारित है।
बशीर बद्र की बेटी ने कहा पिता की दूसरी घर वापसी

1987 के मेरठ दंगे में शहर छोड़कर भोपाल को अपना ठिकाना बनाने वाले शायर बशीर बद्र की रचनाओं को भी बीए के साहित्य में शामिल किया गया है। इस संबंध में 86 वर्षीय बशीर बद्र की बेटी सबा खान (54 वर्ष) का कहना है कि यह हमारे वालिद की दूसरी घर वापसी है। इसी तरह हिंदी के छात्रों को गीतकार कुंवर बेचैन इस्माइल मेरठी, विष्णु प्रभाकर और सुदामा पांडे उर्फ धूमिल की रचनाएं पढ़ाई जाएंगी। उर्दू-हिंदी के साहित्यकारों में गालिब, अल्लामा इकबाल, मीर, पंडित दया शंकर नसीम, मिर्जा सलामत अली दबीर, इंतजार हुसैन, सर सैयद और प्रेमचंद की रचनाएं शामिल की गयी हैं।
चौ.चरण सिंह और जगजीवन राम के बारे में भी जानेंगे

विवि के बीए के राजनीति विज्ञान विषय मे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण और बाबू जगजीवनराम सहित देश की प्रमुख 25 हस्तियों के विचारों और उनकी जीवनी को शामिल किया गया है। पाठयक्रम में जिन राजनीतिज्ञों को शामिल किया गया है। उनमें अधिकांष ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं। विवि के कोर्स समन्वयक पवन कुमार शर्मा का कहना है कि प्रमुख राजनेताओं को पाठ्यक्रम में शामिल करने का उद्देश्य पुराने राजनेताओं के विचार और उनकी ग्रामीण पृृृष्ठभूमि होने के साथ ही उनकी ऊंची महत्वकाक्षाओं और इरादों से छात्रों को रूबरू कराना है।
क्या कहना है प्रति कुलपति का

विवि की प्रो-वाइस चांसलर वाई.विमला का कहना है कि योगी आदित्यनाथ और बाबा रामदेव से जुड़ी पुस्तकों को कोर्स में शामिल करने का फैसला अपने आप नहीं लिया है। हमें इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से सिफारिश मिली थी। इसके बाद हमने इसे दर्शनशास्त्र के अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम में शामिल किया।
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