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चित्रकूट जिला जेल फायरिंग मामले पर नाराज सीएम योगी ने कहा, छह घंटे में मामले की रिपोर्ट हाजिर करें अफसर

Chitrakoot jail Firing - चित्रकूट जिला जेल में गैंगवार के चलते हुई फायरिंग की जानकारी होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज - फायरिंग में दो कैदियों की हत्या, पुलिस एनकाउंटर में शार्प शूटर ढेर

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चित्रकूट जिला जेल फायरिंग मामले पर नाराज सीएम योगी ने कहा, छह घंटे में मामले की रिपोर्ट हाजिर करें अफसर

चित्रकूट जिला जेल फायरिंग मामले पर नाराज सीएम योगी ने कहा, छह घंटे में मामले की रिपोर्ट हाजिर करें अफसर

लखनऊ. Chitrakoot jail Firing CM Yogi angry : चित्रकूट जिला जेल (Chitrakoot jail Firing) में गैंगवार के चलते हुई फायरिंग की जानकारी होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हुए और संबंधित अफसरों को तत्काल आदेश जारी किया कि, सिर्फ छह घंटे के अंदर ही इस मामले की रिपोर्ट हाजिर करें।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी महानिदेशक जेल आनंद कुमार ने इस मामले की रिपोर्ट तलब की है। इसके साथ ही डीजी जेल को निर्देशित किया कि मंडलायुक्त चित्रकूटधाम मंडल डीके सिंह, पुलिस महानिरीक्षक चित्रकूट धाम के. सत्यनारायण और डीआइजी जेल, मुख्यालय लखनऊ संजीव त्रिपाठी की टीम इस प्रकरण की जांच करे। इतना ही नहीं इस जांच समिति से सिर्फ छह घंटे में ही जांच रिपोर्ट मांगी गई है।

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चित्रकूट जेल में फायरिंग दो गैंगस्टर की हत्या

चित्रकूट जेल शुक्रवार को फायरिंग की आवाज से थर्रा उठा। सीतापुर के शार्प शूटर अंशुल दीक्षित (Anshul Dixit) ने दो टॉप मोस्ट अपराधियों मुकीम काला (Mukim Kala ) और मिराजुद्दीन (Merajuddin) को गोलियों से भून डाला। बाद में चित्रकूट पुलिस ने मुठभेड़ में अंशुल उर्फ अंशू को ढेर कर दिया। मुकीम काला पश्चिमी यूपी का हार्ड कोर क्रिमिनल था जबकि मिराजुद्दीन, मुख्तार गैंग का शातिर अपराधी था। मुकीम काला सहारनपुर जेल से ट्रांसफर होकर आया था जबकि मेराजुद्दीन बनारस से लाया गया था।

मुकीम काला और मुख्तार गैंग का गुर्ग मेराजुद्दीन मौके पर मारा गया :- जेल सूत्रों के अनुसार, शातिर अपराधी अंशुल दीक्षित कई महीने से चित्रकूट जेल में निरुद्ध है। मुकीम काला और मुख्तार गैंग के गुर्गे मेराजुद्दीन भी चित्रकूट जेल में काफी दिनों से बंद हैं।शुक्रवार सुबह अचानक अंशुल दीक्षित ने मौका पाकर पिस्टल से दोनों बदमाशों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाना शुरू कर दिया। जब तक जेल के सुरक्षाकर्मी कुछ समझ पाते तब तक अंशुल ने कई राउंड गोलियां मुकीम काला और मेराजुद्दीन पर चला दी। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

पुलिस की गोलियों से हुआ ढेर :- इस घटना को देख जेल सुरक्षाकर्मियों भौचक्के हो गए और उन्होंने अंशुल को ललकारा और आत्मसमर्पण करने को कहा, पर उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में वह पुलिस की गोली से मारा गया। जेल में फायरिंग की सूचना पर आईजी, कमिश्नर, डीएम, एसपी समेत सारे आला अफसर जेल पहुंच गए।

सुल्तानपुर जेल से चित्रकूट जेल भेजा गया था :- अंशुल उर्फ अंशू दीक्षित सीतापुर जिले के मानकपुर कुड़रा बनी का रहने वाला था। उसने लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई की थी। धीरे—धीरे वह अपराधियों के संगत में आ गया। वर्ष 2008 में वह गोपालगंज (बिहार) में अवैध असलहों के साथ पकड़ा गया था। अंशुल को 2019 में दिसंबर में सुल्तानपुर जेल में वीडियो वायरल होने के बाद चित्रकूट जेल भेजा गया था।

तीनों मारे गए :- चित्रकूट धाम मण्डल आईजी के. सत्यनारायण ने बताया कि, जेल में वेस्ट यूपी के टॉप मोस्ट क्रिमिनल मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला पर सीतापुर के शार्प शूटर अंशुल उर्फ अंशू दीक्षित ने गोलियां चलाई हैं। अंशू सीतापुर का शार्प शूटर है। दोनों गुटों में हुए संघर्ष में मेराजुद्दीन और मुकीम मारे गए। अंशू भी जेल परिसर में ही पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है।

यूपी की जेलें असुरक्षित : संजय सिंह

यूपी की जेल में शूटआउट। चित्रकूट जेल में कैदियों के बीच चली गोली में मुख्तार गैंग के मेराज समेत दो बदमाशों की हत्या हो गई। और पुलिस ने एनकाउंटर में गैंगस्टर अंशु दीक्षित को ढेर कर दिया। इस पर सवाल उठाते हुए संजय सिंह ने योगी सरकार से पूछा, जेल में गैंगवार: क्या यूपी की जेलें इतनी असुरक्षित हैं की कोई भी खुलेआम हथियार रख कर एक दूसरे की हत्या कर सकता है?