
गांव-गांव में किसानों की जासूसी करा रही है योगी सरकार, दस विपक्षी दलों ने मिलकर साधा निशाना
लखनऊ. यूपी के दस राजनीतिक दलों ने मिलकर भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। इन दलों ने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि, वह प्रदेश के किसानों की समस्याओं का निराकरण करने के बजाय उनकी आवाज दबाने के लिए असंवैधानिक रवैया अख्तियार कर रही है और पुलिस प्रशासन का नाजायज प्रयोग कर रही है। लोकतांत्रिक तरीकों से सत्तारूढ़ हुई भाजपा राज्य सरकार के प्रतिरोध की हर आवाज को कुचलने के लिए तमाम गैरकानूनी हथकंडे अपना रही है। और लोकतंत्र को नेस्तनाबूद करने पर आमादा है।
इन दस दलों ने कहाकि, उत्तर प्रदेश में किसानों और उनके समर्थन में की जाने वाली हर शांतिपूर्ण कार्यवाही और लोकतान्त्रिक आंदोलनों को बाधित किया जा रहा है। प्रदेश में शांतिपूर्ण धरने, प्रदर्शनों को रोका जा रहा है। किसान जत्थों को दिल्ली जाने अथवा आंदोलनकारी किसानों को रसद पहुंचाने से रोका जा रहा है, यहां तक कि सभा करने, पर्चे बांटने और किसानों के पक्ष में अनशन करने वालों को भी गिरफ्तार किया जा रहा है। आपातकाल की ज्यादतियों को पीछे छोड़ने वाली ये कारगुजारियां किस नियम कानून के तहत की जा रही हैं, सरकार बताने को तैयार नहीं है। योगी सरकार सत्ता के मद में सारी लोकतांत्रिक सीमाओं को पार कर रही है। उसने गांव-गांव में किसानों की जासूसी करने के लिए पूरी नौकरशाही को लगा दिया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद, सीपीआईएम के प्रदेश सचिव डा. हीरालाल यादव, सीपीआई के प्रदेश सचिव डा. गिरीश, सीपीआई माले के प्रदेश सचिव सुधाकर यादव, फारवर्ड ब्लाक के प्रदेश अध्यक्ष अभिनव कुशवाहा, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह, लोकतांत्रिक जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जुबैर अहमद कुरैशी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर यादव, समाजवादी जन परिषद के प्रदेश अध्यक्ष विक्रमा मौर्य ने संयुक्त रूप से प्रेस वक्तव्य जारी किया।
Published on:
28 Dec 2020 04:54 pm
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