
लखनऊ. कोरोना काल में यूपी को बैंकिंग कारोबार 14 फीसदी बढ़ गया। यह जानकार आपको हैरत होगी। लेकिन यह पूरी तरह सही है। सीमए योगी आदित्यनाथ का कोरोना मॉडल बेहद कारगर साबित हुआ। जहां देश के दूसरे प्रदेशों ने अपने यहां पर पूर्णत: लॉकडाउन लगा रखा था। वहीं यूपी में कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए आर्थिक गतिविधियों को छूट दी गई थी। इसमें उद्योग धंधे भी चल रहे थे और खेती-किसानी से जुड़े कार्यों को भी तरजीह दी गई थी। जिस कारण कोरोना काल में भी बैंकिंग कारोबार में 14 फीसदी की वृद्धि हुई है।
चालू वित्तीय वर्ष में 97,002 करोड़ रुपए की वृद्धि :- प्रदेश में आंशिक कोरोना कर्फ्यू की वजह से चालू वित्तीय वर्ष में 97,002 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है, जिससे प्रदेश का कुल व्यवसाय 19.37 लाख हजार करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। यह मार्च 2020 के 16.91 लाख करोड़ रुपए से 2.46 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यह व्यवसाय और 14 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। यूपीएसएलबीसी कोआर्डिनेटर बृजेश कुमार सिंह बताते हैं कि, प्रदेश में मार्च 2021 की तिमाही के दौरान कुल जमा 12.77 लाख हजार करोड़ रुपए रहा है, जो दिसम्बर 2020 के 12.17 लाख करोड़ रुपए के तुलना में 59,345 करोड़ रुपए बढ़ा है।
सरकारी योजनाओं में लक्ष्य से अधिक हुई उपलब्धि :- कोरोना काल में विभिन्न सरकारी योजनाओं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना आदि में लक्ष्यों से अधिक उपलब्धि हुई है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 99 फीसदी की उपलब्धि हासिल करते हुए 47.38 लाख इकाइयों को 27,875 करोड़ रुपए का लोन दिया गया है।
वार्षिक ऋण योजना में 80 फीसदी लक्ष्य हासिल :- कोरोना महामारी के बाद भी चालू वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक ऋण योजना के तहत आवंटित लक्ष्य में 80 फीसदी की उपलब्धि हुई है। इसमें आवंटित लक्ष्य 2,46,751 करोड़ के सापेक्ष 1,96,932 करोड़ रुपए का लोन दिया गया है।
एमएसएमई में दर्ज की 120 फीसदी की उपलब्धि :- सीएम योगी ने 23 जून को ई-स्वरोजगार संगम कार्यक्रम के माध्यम से 31,542 नई एमएसएमई इकाइयों को 2505 करोड़ रुपए का लोन दिया था। प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर के तहत आवंटित लक्ष्य 61,759 करोड़ रुपए के सापेक्ष 73,765 करोड़ रुपए का लोन दिया है। इसमें 120 फीसदी की उपलब्धि हुई है।
डिजिटल लेनदेन में 106 फीसदी की बढ़ोतरी :- कोरोना महामारी में प्रदेश में लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में डिजिटल लेनदेन किया गया है। जिस कारण यूपी में मार्च 2021 के अंत तक कुल डिजिटल लेनदेन 391 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया है। यह मार्च 2020 के 189 करोड़ रुपए के स्तर की तुलना में 202 करोड़ अधिक है और 106 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में डिजीटलीकरण के लिए चिह्नित सिद्धार्थनगर और फिरोजाबाद को शत प्रतिशत डिजिटल किया जा चुका है।
Updated on:
14 Jul 2021 11:15 am
Published on:
14 Jul 2021 11:13 am
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