
Pollution
लखनऊ. प्रदेश की हवा दिन पर दिन और प्रदूषित (Air Pollution) होती जा रही है। इसमें राजधानी लखनऊ देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर बना गया है। पहले तो केवल कागजों पर प्रदूषण की गंभीरता देखने को मिल रही थी, लेकिन अब सार्वजनिक रूप से आंख और नाक से इसे महसूस किया जा सकता है। सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड के एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार, लखनऊ का एक्यूआई (एयर क्वॉलिटी इंडेक्स) लेवेल 349 (बहुत खराब) से बढ़कर 447 (गंभीर) तक पहुंच गया है। जो चिंता का विषय है। इस पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी की लापरवाही पर प्रशासन ने सख्त एक्शन लिया है और उसका वेतन रोक दिया है।
डीएम ने की कार्रवाई-
लखनऊ जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने क्षेत्रीय अधिकारी आरके सिंह की सैलरी तत्काल प्रभाव से रोकते हुए उनसे तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। जिलाधिकारी ने पूछा है कि आखिर बढ़ते प्रदूषण रोकने के लिए कोई ठोस कार्यवाही क्यों नहीं की गई। बार-बार निर्देशित करने के बावजूद प्रदूषण पर नियत्रंण करने के लिए बैठकों में लिए गए निर्णयों पर भी कोई एक्शनक्यों नहीं लिया गया। साथ ही फील्ड विजिट भी नहीं की गई। डीएम ने जारी पत्र में कहा कि यदि जवाब नहीं आया तो आपको कुछ नहीं कहना है। आपके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही होगी।
मुरादाबाद दूसरे स्थान पर-
प्रदूषण के मामले में सबसे आगे हरियाणा का फतेहाबाद है। वहीं दूसरे स्थान पर यूपी का मुरादाबाद है। लखनऊ में बीते 48 घंटे में एक्यूआइ 447 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। राजधानी के तालकटोरा, अलीगंज व लालबाग इलाकों की हवा सबसे ज्यादा जहरीली हो चली है।
Published on:
07 Nov 2020 08:44 pm
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