मशहूर और हर दिलअजीज कवि वाहिद अली वाहिद की बेटी शामिया ने बताया कि, पिता को तीन दिन से बुखार था। हार्ट में दिक्कत थी। मंगलवार सुबह उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। जिसके बाद इलाज के लिए लोहिया अस्पताल ले जाया गया पर अस्पताल में उन्हें भर्ती ही नहीं किया गया और घर लौटा दिया। और उसके बाद उनकी कहानी खत्म हो गई।
शामिया ने बताया कि, परिवार में छोटी बहन अंजुम, मां नजमुन्निशा और भाई राशिद हैं। भाई कतर में है। पिता खुर्रमनगर कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किये जाएंगे। वह आवास एवं विकास परिषद में कार्यरत थे। उनकी दर्जनभर से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया था।