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हाईकोर्ट का आदेश: मंदिरों के पास किसी भी हाल में नहीं चलेगी शराब की दुकान, 19 दिसंबर तक हटाने की चेतावनी

Lucknow News: लखनऊ हाईकोर्ट ने मंदिरों के पास शराब की दुकानों को अस्वीकार्य करार देते हुए राजधानी के ईश्वरीखेड़ा इलाके में मंदिर से सिर्फ 25 मीटर दूर स्थित देशी शराब की दुकान को 19 दिसंबर तक हटाने का आदेश दिया है।

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लखनऊ

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Mohd Danish

Dec 10, 2025

lucknow high court order removal liquor shop near temple 19 december deadline

हाईकोर्ट का आदेश | फोटो : Adobe Stock

Lucknow High Court order: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राजधानी के ईश्वरीखेड़ा इलाके में मंदिर के सामने मात्र 25 मीटर की दूरी पर चल रही देशी शराब की दुकान को लेकर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने इसे पूरी तरह अस्वीकार्य बताते हुए दुकान को हटाने का आदेश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि धार्मिक स्थलों के करीब शराब की बिक्री किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं हो सकती। इसी के साथ दुकान हटाने के लिए लाइसेंस धारक को 19 दिसंबर तक की अंतिम समयसीमा दी गई है।

जनहित याचिका पर सुनवाई

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति इंद्रजीत शुक्ला की खंडपीठ ने राजेश कुमार सिंह की जनहित याचिका पर दिया। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि मंदिर के ठीक सामने शराब की दुकान खोलना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि स्थानीय लोगों की धार्मिक आस्था के साथ भी खिलवाड़ है। उन्होंने कोर्ट से दुकान को तुरंत हटवाने की मांग की थी।

सरकार का पक्ष और लाइसेंसी की दलील

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि विभागीय नोटिस जारी होने के बाद लाइसेंसी ने स्वयं दुकान को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए एक महीने का समय मांगा था। यह समय 19 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई भी इसी तारीख पर निर्धारित है, ऐसे में लाइसेंसी द्वारा मांगा गया पूरा समय तब तक बीत जाएगा और उसके बाद दुकान को न हटाने का कोई औचित्य नहीं बचेगा।

पुराने मामले का हवाला

कोर्ट ने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले विभूति खंड इलाके में लोहिया संस्थान के पास स्थित शराब और बीयर की दुकान के मामले में भी उसने सख्त रुख अपनाया था। उस दौरान अदालत ने पुलिसकर्मियों की तैनाती तक का आदेश दिया था, ताकि अव्यवस्था और कानून-व्यवस्था की समस्या न पैदा हो। कोर्ट ने कहा कि धार्मिक स्थल और संवेदनशील क्षेत्रों के पास शराब की दुकानें किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं मानी जा सकतीं।

19 दिसंबर को स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद

हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को निर्धारित करते हुए स्पष्ट संकेत दिया है कि यदि तब तक लाइसेंसी दुकान नहीं हटाता, तो सख्त कार्रवाई तय होगी। स्थानीय निवासियों ने अदालत के रुख का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि धार्मिक स्थलों के आसपास ऐसी दुकानों पर प्रभावी नियंत्रण कायम रहेगा।